दोस्त के साथ बाइक पर जा रहे एमआर का एक्सीडेंट होने के बाद उसका एक पैर काटना पड़ा था। एमआर ने क्षतिपूर्ति के लिए कोर्ट में क्लेम प्रकरण प्रस्तुत किया था। कोर्ट ने एमआर की उम्र, आय को देखते हुए उसे 91 लाख 65 हजार 744 रुपए का मुआवजा देने के आदेश बीमा कंपनी को दिए हैं।
एमआर की नौकरी करने वाले गौरव कुमार अपने दोस्त विशाल के साथ जा रहा था। एबी रोड पर एक ट्रक ने उनकी गाड़ी को पीछे टक्कर मार दी। गौरव के पैर पर से ट्रक के पहिए गुजर गए थे। इस पर एक पैर को काटना ही पड़ा। गौरव फार्मा कंपनी का एरिया मैनेजर था। उसे 33 हजार रुपए वेतन भी मिलता था। पैर कटने से स्थायी रूप से अपंगता हो गई। वह नौकरी करने में भी अब सक्षम नहीं है।
इलाज में 20 लाख खर्च
इलाज के रूप में ही उसे करीब 20 लाख रुपए खर्च करना पड़ गए। कोर्ट से एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की गई थी। वहीं बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि यह क्लेम प्रकरण कोर्ट में चलने योग्य ही नहीं है। दो गाड़ियों के बीच एक्सीडेंट हुआ था। दूसरी गाड़ी चलाने वाले और मालिकों को आरोपी बनाया ही नहीं गया। वाहन चालक के पास वैधानिक दस्तावेज भी थे। यह बीमा शर्तों का उल्लंघन है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद बीमा कंपनी को आदेश दिए।
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