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1989 से अब तक भर्ती हो गए 7000 अस्थायी कर्मचारी:32 साल बाद नगर निगम में भर्ती की तैयारी, 21 पदों पर 100 से ज्यादा नियुक्तियों के लिए व्यापमं से परीक्षा कराएगा निगम

1989 के बाद अब नगर निगम में 21 पदों पर 100 से अधिक नियुक्तियों की तैयारी शुरू हो गई है। - Dainik Bhaskar

1989 के बाद अब नगर निगम में 21 पदों पर 100 से अधिक नियुक्तियों की तैयारी शुरू हो गई है।

1989 के बाद अब नगर निगम में 21 पदों पर 100 से अधिक नियुक्तियों की तैयारी शुरू हो गई है। इन 32 सालों में निगम में 7000 से अधिक अस्थायी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी भर्ती हो गए। अस्थायी दैवेभो की नियुक्ति किसी प्रक्रिया के तहत नहीं हुई बल्कि इनमें से ज्यादातर किसी नेता और अफसर की सिफारिश पर रखे गए हैं।

निगम प्रशासन ने व्यापमं को इन भर्तियों के लिए डिटेल जानकारी भेज दी है। छह माह के भीतर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। निगम प्रशासन की यह कवायद पिछले छह माह से चल रही है। पिछले दिनों व्यपमं ने 20 प्रतिशत पद संविदा नियुक्ति के लिए आरक्षित करने के साथ नए सिरे से प्रस्ताव मांगा। यह प्रस्ताव व्यापमं को भेजा जा चुका है।

इन पदों पर होनी है नियुक्तियां

  • कैमिस्ट *कैशियर
  • सब इंजीनियर (सिविल)
  • सब इंजीनियर (एम-ई)
  • सहायक भवन अधिकारी
  • स्टेनोग्राफर - वर्ग 3
  • टाइमकीपर
  • माली
  • डिप्टी सेनेटरी इंस्पेक्टर
  • सेनेटरी इंस्पेक्टर
  • राजस्व निरीक्षक
  • सहायक राजस्व निरीक्षक
  • इलेक्ट्रीशियन
  • फायरमैन
  • लीडिंग फायरमैन
  • सहायक परिवहन अधिकारी
  • सहायक अतिक्रमण विरोधी अधिकारी
  • सहायक अग्निशमन अधिकारी
  • सहायक क्रीड़ा अधिकारी
  • सहायक सामुदायिक विकास संगठक
  • सहायक लेखा अधिकारी

चार साल पहले शासन ने भेजे थे 56 कर्मचारी
चार साल पहले 2017-18 में राज्य शासन ने व्यापमं के माध्यम से ही नियुक्तियां करके सैनेटरी इंस्पेक्टर, रेवेन्यू इंस्पेक्टर, सब इंजीनियर आदि मिलाकर 56 कर्मचारी नगर निगम को भेजे थे। लेकिन इनमें से 37 ही अभी काम कर रहे हैं। शेष ने या तो नौकरी छोड़ दी या ट्रांसफर ले लिया। इसमें भी ज्यादातर कर्मचारियों को निगम प्रशासन फील्ड पोस्टिंग देने से बचता है। जोन नंबर 9 में दो सैनेटरी इंस्पेक्टर पोस्ट किए हुए हैं, जबकि एक जोन में एक की पोस्टिंग होना चाहिए।

अनट्रेंड कर्मचारियों के कारण होती है परेशानी
लंबे समय से कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने का नतीजा है कि निगम में 7000 से ज्यादा अस्थायी दैवेभो भर्ती हो गए और ज्यादातर काम इन्हीं के भरोसे चल रहे हैं। अनस्किल्ड और अन ट्रैंड कर्मचारियों की भरमार के कारण सिविल इंजीनियरिंग और जलकार्य ही नहीं बल्कि जोन और वार्ड कार्यालयों का काम भी प्रभावित होता है।

फायरमैन में असंतोष
निगम प्रशासन द्वारा सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने से फायरमैन में असंतोष है। फायरमैन कह रहे हैं कि अभी हम सारे जोखिम वाले काम कर रहे हैं और हमें नियमित करने की बजाय सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा रही है जबकि हमारे पास निर्धारित योग्यता है।

बेहतर कार्य के लिए प्रशासनिक सेटअप में सुधार जरूरी :
गर निगम में बेहतर कार्य के लिए प्रशासनिक सेटअप में सुधार जरूरी है। व्यापमं के साथ ही हम द्वितीय श्रेणी अधिकारियों और इंजीनियरों की नियुक्ति के लिए पीएससी से भी अनुरोध कर रहे हैं। - वीएस चौधरी कोलसानी, कमिश्नर, नगर निगम

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