खजराना गणेश के दरबार में नया चांदी का सिंहासन लगाया जायगा । जयपुर से सिंहासन का कुछ हिस्सा तैयार होकर मंदिर में पहुंच गया है। बाकी सिंहासन का काम जारी है। इसमें करीब 50 किलो चांदी की और जरूरत पड़ेगी। आगामी दिनों में कारीगर आकर सिंहासन को लगाएंगे। वहीं, दूसरी तरफ भक्त मंदिर में सिंहासन के लिए चांदी का दान भी कर रहे हैं। बुधवार को भी एक भक्त ने भगवान के सिंहासन के लिए सवा दो किलो चांदी दान की।
इंदौर का खजराना गणेश मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। हजारों भक्त यहां भगवान के दर्शन को आते हैं। भगवान गणेश का जो सिंहासन था, उसकी लकड़ी खराब होने से उसे हटाना पड़ा। भगवान के लिए नया चांदी का सिंहासन तैयार किया जा रहा है। अनुमान है कि सिंहासन में 150 किलो चांदी का लग सकती है। इसे जयपुर के कारीगर तैयार कर रहे हैं। उन्होंने सिंहासन का एक हिस्सा तैयार कर भेज दिया है। बाकी का सिंहासन तैयार हो रहा है।
मंदिर प्रबंधन ने दी थी 73 किलो चांदी
मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित अशोक भट्ट ने बताया कि टेंडर जयपुर के कारीगरों को मिला था। सिंहासन के लिए 73 किलो चांदी मंदिर प्रबंधन ने दी थी। जयपुर के कारीगरों ने 62 किलो चांदी के सिंहासन का एक हिस्सा भेज दिया है। फिलहाल, इसे खोला नहीं गया है।
ऊपर के टॉप 6 हिस्सों में बनेगा। इसमें करीब 50 किलो चांदी लगेगी। पूर्व के सिंहासन से जो चांदी निकली थी, उसका इस्तेमाल भी किया गया है। इसके अलावा, भक्तों ने भी चांदी दान की है। दान में आने वाले छत्र, मुकुट को भी गला कर सिंहासन बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है।
गर्भगृह में लगी है 600 किलो चांदी
खजराना गणेश मंदिर का जो गर्भगृह है, वहां करीब 600 किलो चांदी लगी है। जिस पर अलग-अलग नक्काशी भी है। गर्भगृह के बाहरी हिस्से पर भी चांदी लगी है। इस पर भी सुंदर नक्काशी देखने को मिलती है। पुजारी ने कहा इस बार जो सिंहासन तैयार हो रहा है, उसमें लकड़ी का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। चांदी की 18 एमएम की प्लेट और उसके नीचे तांबे की 14 एमएम की प्लेट लगाई जा रही है। इससे सिंहासन में मजबूती रहेगी।
चांदी दान करने का जारी है सिलसिला
मंदिर में चांदी दान करने का सिलसिला लगातार जारी है। कई भक्त सिंहासन के लिए चांदी का दान कर चुके हैं। बुधवार को भी एक भक्त ने भगवान के सिंहासन के लिए सवा दो किलो चांदी का दान किया है। पुजारी भट्ट का कहना है कि अगर चांदी के सिंहासन तैयार करने में चांदी कम पड़ती है तो मंदिर प्रबंधन समिति चांदी खरीदकर सिंहासन पूरा कराएगा।
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