कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 15 से 17 साल के बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। 69 हजार बच्चों को अभी तक टीका नहीं लग पाया है। सोमवार से विशेष अभियान शुरू किया गया। बावजूद दो हजार 171 बच्चे ही टीका लगवाने स्कूल पहुंचे। अब तक 1 लाख 25 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए गए हैं। जिले में 1 लाख 94 हजार बच्चों को टीके लगाए जाना है।
कोरोना के टीकाकरण से छूटे बच्चों को टीका लगाने की विशेष मुहिम को रफ्तार देने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने दोपहर में महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम व उद्योग विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक बुलवाई। इसमें बताया गया कि स्कूलों व आंगनवाड़ी केंद्रों में विशेष केंद्र बनाए जाएंगे।
इसके अलावा कलेक्टर ने निर्देश दिए कि उद्योग विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उद्योगों में, श्रम विभाग के अधिकारी-कर्मचारी दुकानों, मॉल, गैरेज, होटल, रेस्टोरेंट आदि में जाकर यह देखें कि किन बच्चों को टीके नहीं लगे हे। कोई भी पात्र बच्चा कोरोना टीकाकरण से वंचित नहीं रहे।
दो हजार से ज्यादा को लगा बूस्टर डोज
बुजुर्गों के लिए बूस्टर डोज लगान की रफ्तार भी धीमी चल रही है। अभी तक करीब आठ हजार बुजुरों को ही बूस्टर लग पाया है, जबकि अब तक दस हजार से ज्यादा को यह लग जाना था। 10 जनवरी से इसकी शुुरुआत हुई थी। बुजुर्गों के साथ फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थ वर्कर को भी बूस्टर डोज लगाया जा रहा है, लेकिन ये इनकी रफ्तार भी धीमी चल रही है।
सभी कर्मियों को प्रिकॉशन डोज लगवाना जरूरी
सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को कोविड का प्रिकॉशन डोज लगाना जरूरी है। कलेक्टर मनीषसिंह ने सोमवार को इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी तय तिथि पर यह टीका लगाने के लिए जिला पंचायत में सरकारी सेवकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। सभी कार्यालय प्रमुख इस कार्य की मॉनिटरिंग करें कि उनके सभी कर्मियों को डोज लग चुके हैं।
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