- आने वाली पीढ़ी को रहने लायक शहर सौंपने के लिए जमीनी हकीकत के हिसाब से प्लान बनाया जाए
शहर का मास्टर प्लान कैसा होना चाहिए, इसे लेकर रविवार को शहर के बुद्धिजीवी और जनप्रतिनिधि एक मंच पर आए। पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए समझाया कि अगले 15 से 20 साल में शहर की जनसंख्या 50 लाख के करीब होगी। आने वाली पीढ़ी को रहने लायक शहर सौंपने के लिए जमीनी हकीकत के हिसाब से प्लान बनाना होगा।
इसमें बताया गया कि पहले नगर तथा ग्राम निवेश (टीएंडसीपी) की धारा 34 प्रभावशील थी। इसके तहत प्लान बनाते वक्त किसी व्यक्ति की जमीन प्रभावित होती है तो सरकार उसकी भरपाई करती है। इस धारा को फिर लागू करने की जरूरत है।
जमीन कहीं ग्रीन बेल्ट, कृषि या अन्य किसी ऐसे उपयोग के लिए निर्धारित की जाए, जिससे जमीन के दाम कम हो जाते हैं तो व्यक्ति फिर अवैध तरीके से जमीन विकसित करने में लग जाता है। इसी से शहर की सूरत बिगड़ती है। 500 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां इसकी उदाहरण हैं।
एक फ्लैट एक पार्किंग अनिवार्य की जाना चाहिए
प्रेजेंटेशन में बताया गया कि किस तरह बाजारों से लेकर सड़कों के किनारे, कॉलोनी की गलियों में कार, दोपहिया वाहन बेतरतीब खड़े हुए हैं। मल्टी में पार्किंग की जगह फ्लैट या दुकानें बनी हुई है। नए प्लान में एक फ्लैट एक पार्किंग की अनिवार्य की जाना चाहिए। इससे फुटपाथ पर पार्किंग की कम होगी।
शहर में एक सा एफएआर 1.25 ही देना चाहिए
पूरे शहर में फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) एक जैसा दिया जाना चाहिए। यह 1.25 ही किया जाना चाहिए। वहीं जिस जमीन मालिक को इससे ज्यादा एफएआर की आवश्यकता हो वह दूसरे व्यक्ति से इसे खरीद भी सके। शहर में जहां 1.25 एफएआर तक निर्माण का प्रावधान नहीं है वह उसे बेच सकेंगे।
मिश्रित उपयोग को बढ़ावा दें, रोड पर लोड कम होगा
शहर में जहां भी 12 मीटर से ज्यादा चौड़ी सड़क है वहां पर पूरी तरह आवासीय या व्यावसायिक उपयोग कर दिया जाना चाहिए। मिश्रित उपयोग को भी बढ़ावा देना चाहिए, ताकि हर इलाके में रहवासी को सभी तरह की सुविधाएं मिल सकें। शहर के एक कोने से दूसरे में जाने की जरूरत नहीं हो। इससे सड़कों पर लोड भी कम होगा।
प्लॉट के संयुक्तिकरण की अनुमति भी मिले
किसी भी प्रकार के प्लाॅट का संयुक्तीकरण करने की अनुमति होना चाहिए। जहां भी सड़कों की चौड़ाई 12 मीटर से ज्यादा है वहां पर प्लाॅटों को मिलाकर निर्माण करने में कोई दिक्कत नहीं है। इंदौर उत्थान अभियान समिति ने इसका आयोजन किया। संयोजक अजीतसिंह नारंग, शिवाजी मोहिते, वीके गुप्ता ने प्रेजेंटेशन के जरिए समझाया। इसमें पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, सांसद शंकर लालवानी सहित अन्य मौजूद थे।
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