देशभक्ति का जज्बा सीहोर जिले के कई गांवों में देखने को मिलता है। इनमें धामंदा गांव भी एक है, जहां के शहीद जितेंद्र कुमार वर्मा थे। इस गांव के करीब 35 सैनिक आर्मी, बीएसएफ या अन्य फोर्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यही नहीं इनमें से जो भी छुट्टी पर गांव आता है या फिर जो रिटायर्ड हो चुका है वह भी गांव के युवाओं को सेना में जाने के लिए प्राेत्साहित करता है। यही कारण है कि गांव के सरकारी स्कूल में रनिंग ट्रैक भी इन्होंने बनवा रखा है। यहां गांव के युवा सेना में जाने के लिए तैयारी करते हैं। जिला सैनिक कल्याण संयोजक हवलदार अनिल कुमार वर्मा 2017 में रिटायर हुए।
धामंदा निवासी वर्मा दो साल तक जिला सैनिक कल्याण बोर्ड में रहे। उन्होंने बताया कि 6500 की आबादी वाले धामंदा गांव के करीब 35 सैनिक इस समय सेना, बीएसएफ और अन्य फोर्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। गांव के युवाओं में भी गजब का जज्बा है। ये युवा गांव के उन लोगों को प्रेरित हैं जो सेना में भर्ती होकर देश की सेवा में जुटे हैं। गांव में करीब एक हजार से अधिक युवा हैं। इनमें से कई युवा सेना में जाने के लिए तैयारी करने में जुटे हैं।
लेफ्टिनेंट बनने के बाद आए तो घाेड़े पर बैठाकर निकाला जुलूस
लेफ्टिनेंट बनने के बाद गांव पहुंचे प्रथम चौधरी का घोड़े पर बैठाकर जुलूस निकाला गया। ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया। लेफ्टिनेंट के सेना में शामिल होने पर गांव में ऐसा माहौल था कि जैसे उत्सव हो। लोगों ने जमकर आतिशबाजी भी की। प्रथम ने कहा मेरा जीवन देश सेवा के लिए समर्पित है। देश की सेवा ही मेरा लिए प्राथमिकता रहेगी। देश सेवा में प्राण भी गंवाना पड़े तो भी मैं अपने कदमों को पीछे नहीं हटाऊंगा।
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