Header Ads Widget

Responsive Advertisement

पंचायत चुनाव:गांव की सरकार के लिए पढ़े-लिखे उम्मीदवार कम; आधे आवेदकों की शिक्षा सातवीं और इससे कम, लेकिन 17 प्रतिशत करोड़पति हैं

 

ग्रामीण सरकार के लिए आज भी बहुत कम ग्रेजुएट उम्मीदवार सामने आ रहे हैं। इंदौर जिला पंचायत के 13, जनपद पंचायत के 19 और 47 पंचायतों के लिए आए कुल 385 आवेदनों के शपथ पत्र से सामने आया है कि 85 फीसदी दावेदार कॉलेज भी नहीं गए। वहीं 50 फीसदी आवेदक तो सातवीं और इससे कम पढ़े-लिखे हैं। इन सभी आवेदकों में से सबसे अधिक पढ़ी-लिखी महिला जिला पंचायत के वार्ड 1 से आई सविता पंवार (अरण्या गांव) थीं, जिन्होंने होलकर कॉलेज से एमएससी कम्प्यूटर साइंस किया है, लेकिन उन्होंने भी नाम वापस ले लिया। अब इंदौर की पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के लिए 285 आवेदक मैदान में हैं। हालांकि अभी चुनाव को लेकर असमंजस कायम है।

जनपद में सबसे ज्यादा 11 ग्रेजुएट
इंदौर जनपद पंचायत के लिए आए 69 आवेदनों में से सबसे ज्यादा 11 आवेदक ग्रेजुएट सामने आए। इनमें से दो पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं। इसी कैटेगरी में अलग-अलग डिग्रीधारी भी सामने आए हैं। इसमें आवदेक एमए के साथ ही एलएलबी, बीबीएएफटी, बीएससी, बीकॉम, बीए व बीएड डिग्रीधारी हैं।

जिला पंचायत में केवल 5 ग्रेजुएट

जिला पंचायत के लिए 51 आवेदन (21 ने बाद में नाम वापस ले लिया) में से केवल 5 ग्रेजुएट सामने आए हैं। इनमें सबसे अधिक पढ़ी-लिखी एमएससी कम्प्यूटर साइंस सविता पंवार थीं, जिन्होंने बाद में नाम वापस ले लिया।

65 आवेदकों के पास एक करोड़ या ज्यादा की संपत्ति

इंदौर में जमीन की कीमतें अधिक होने से ज्यादातर आवेदक करोड़पति हैं। करीब 65 आवेदकों के पास एक करोड़ रुपए या इससे अधिक की चल-अचल संपत्ति है। कुछ आवेदकों के पास 10 से 15.50 करोड़ रुपए की संपत्ति है। कुछ आवेदक मजदूर, नौकरी, व्यापार वाले भी हैं।

सरपंचों में सिर्फ 40 ग्रेजुएट सामने आए, दो शिक्षक भी मैदान में

इंदौर जनपद की 47 पंचायतों के लिए कुल 268 आवेदन सामने आए थे, जिसमें करीब 40 ग्रेजुएट हैं। कुछ अभी अध्ययनरत हैं। दो शिक्षक भी हैं। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर चार आवेदक पहुंचे। इनमें एमकॉम, एमए डिग्री धारक हैं। वहीं ग्रेजुएशन स्तर पर बीए, बीकॉम, बीबीए, बीएससी नर्सिंग, बीएएमएस, बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन की डिग्री वाले आवेदक हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ