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इंदौर अनाज तिलहन संघ के चुनाव नतीजे:संजय अग्रवाल दूसरी बार अध्यक्ष, प्रमुख पांच पदों पर युवा विकास पैनल का कब्जा

 

आधी रात को जीत का जश्न। - Dainik Bhaskar
आधी रात को जीत का जश्न।

इंदौर अनाज तिलहन व्यापारी संघ के चुनाव बुधवार 27 अक्टूबर को होने के बाद शाम 6 से रात डेढ़ बजे तक मतगणना हुई। इसके बाद रात 2.30 बजे नतीजे घोषित किए गए। इसमें अध्यक्ष पद के लिए संजय अग्रवाल, उपाध्यक्ष विजय काला, मंत्री वरुण मंगल, उप मंत्री आशीष मुंदरा, कोषाध्यक्ष राजा अग्रवाल, संयोजक (व्यवस्था कमेटी) महेश अग्रवाल, संयोजक (सामाजिक न्याय) त्रिलोक गोयल, संयोजक (लेन-देन निपटारा समिति) दिनेश अग्रवाल, पारमार्थिक न्यास में अजय खण्डेलवाल, महेशचंद अग्रवाल, नेमीचंद जैन, रामबाबू अग्रवाल, शैक्षणिक न्यास में अनिल मंत्री, मदनलाल सैनी, विशाल खण्डेलवाल, आनंद गर्ग और सुनील कोठारी विजयी हुए।

चुनाव में व्यापार विकास पैनल का पलड़ा भारी रहा। वहीं संघ के प्रमुख पांच पदों पर युवा विकास पैनल के चार प्रत्याशी विजयी हुए। शाम 4.30 बजे तक हुए मतदान में कुल 671 सदस्यों में से 641 वोट पड़े। 30 वोट कम थे, ये वो लोग थे जो या तो शहर से बाहर थे या फिर किसी काम से वोट डालने नहीं पहुंच पाए। इस बार वोटिंग पिछले साल की तुलना में ज्यादा रही। चुनाव मंें खास बात यह रही कि केवल कोषाध्यक्ष का एक पद ऐसा था जिसके लिए तीन दावेदार थे। इसमें दोनों पैनल से एक-एक और एक निर्दलीय प्रत्याशी था जिसमें से व्यापार विकास पैनल के राजा अग्रवाल विजयी रहे। वहीं कार्यकारिणी का एक पद का चुनाव टाई हो गया। इसमें विनोद अग्रवाल बाद में विजयी हुए। कुल 32 पदों के लिए हुए चुनाव में से युवा विकास पैनल के 12, व्यापार विकास पैनल के 19 व एक निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुआ।

इनके अलावा कार्यकारिणी में रुपेश अग्रवाल, कमलेश जैन, बुद्धिप्रकाश जेठलिया, साहिल अग्रवाल, सुलभ सेठी, राजेश जिंदल, सचिन अग्रवाल, कोमल अग्रवाल, शैलंेंद्र लाहोटी, दीपक अग्रवाल, चंद्रेश बंसल, विनोद अग्रवाल, प्रकाश शास्त्री, संतोष गोयल और नरेश गर्ग विजयी घोषित हुए। मंडी के व्यापारी निखिल अग्रवाल ने बताया कि चुनाव के दौरान एक रोचक बात यह भी देखने को मिली कि कार्यकारिणी के एक पद के लिए कमलेश जैन ने पहले युवा विकास पैनल से अपना नामांकन दाखिल किया। उनकी मंडी में लोकप्रियता को देखते हुए व्यापार विकास पैनल ने अपनी ओर से कार्यकारिणी के उम्मीदवार के रूप में उनका नाम प्रस्तावित कर दिया। बताया जाता है कि इसकी जानकारी जब कमलेश को लगी तो उन्होंने इसका विरोध नहीं किया। हालांकि उन्होंने स्वयं व्यापार विकास पैनल की ओर से नामांकन वापस लेने के लिए चुनाव अधिकारी के समक्ष आवेदन भी किया था लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। ऐसी स्थिति में मजबूरन उन्हें दोनों पैनल की ओर से लड़ना पड़ा। परिणाम यह रहा कि कार्यकारिणी में मिले सर्वाधिक मतों में से वे दूसरे नंबर पर रहे। हालांकि मतदान के अंतिम समय तक वे युवा विकास पैनल के लिए वोट मांगते नजर आए। इस पूरे चुनाव में शैक्षणिक न्यास के पांच में से एक पद पर विशाल खण्डेलवाल निर्दलीय विजयी हुए।

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