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सितंबर की बारिश से कोटा लगभग पूरा:बादल गरजने के साथ फिर कई हिस्सों में तेज बारिश तो कहीं रिमझिम, मौसम वैज्ञानिक बोले-अभी दो दिन होगी बारिश

 

बीआरटीएस क्षेत्र में ज्यादा बारिश नहीं होने से इस बार लोगों की फजीहत नहीं हुई। - Dainik Bhaskar
बीआरटीएस क्षेत्र में ज्यादा बारिश नहीं होने से इस बार लोगों की फजीहत नहीं हुई।

इस मौसम की बारिश की बिदाई के दौर में रोज की तरह सोमवार को मौसम का रुख बदला। सुबह से तेज धूप के बाद दोपहर 1 बजे बादल छाए और गरजने के साथ बारिश शुरू हुई। इस दौरान कई हिस्सों में अच्छी बारिश शुरू हुई तो कहीं रिमझिम शुरू हो गई। इस दौरान आवाजाही प्रभावित हो गई। कई हिस्सों में थोड़ा पानी भरना शुरू हो गया। मौसम विभाग ने वैसे 29 सितंबर तक बारिश की संभावना जताई है। इस लिहाज से अभी दो दिन बारिश हो सकती है।

दोपहर को शहर के पूर्वी क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों तीन इमली चौराहा, राजीव गांधी चौराहा, मूसाखेडी, महालक्ष्मी नगर, कनाडिया, निपानिया, लसूडिया, देवास नाका क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई जबकि पश्चिम क्षेत्र में राजबाड़ा, मल्हारगंज, राज मोहल्ला, एयरपोर्ट रोड, धार रोड, राजेंद्र नगर में रुक-रुककर बारिश होती रही तो रिमझिम चलती रही। इस दौरान जिस तरह से बादल छाए हुए हैं उससे अनुमान है कि अभी और तेजी बारिश हो सकती है।

इस बार मौसम ने अगस्त माह तक सभी को चिंता में डाल दिया था क्योंकि जुलाई-अगस्त इन दोनों माह में कुल 10 इंच ही बारिश हुई थी। फिर सितंबर में शुरू से ही अलग-अलग दौर में बारिश होती रही। इन 26 दिनों में कभी मौसम खुश्क तो कभी ऐसे ही मौसम में दोपहर बाद बादल छा जाने के साथ कई बार बारिश हुई। दरअसल, इस बार अरब सागर की खाड़ी व बंगाल की खाड़ी के बीच टर्फ लाइन द्रोणिका बनने से मप्र के इंदौर, मालवा निमाड़ सहित कई हिस्सों में बारिश का असर रहा। हालांकि इस पूरे माह जिले में कभी भी तीन घंटे मूसलधार बारिश नहीं हुई, लेकिन रुक-रुककर हुई तेज, सामान्य और रिमझिम ने 26 दिन में करीब 23 इंच तक जा पहुंची और इस मौसम में अब करीब 33 इंच बारिश हो चुकी है। इस तरह औसत कोटा 34-35 इंच के लगभग आंकड़ा पहुंच चुका है। मौसम वैज्ञानिक (एग्रीकल्चर कॉलेज) डॉ. एचएल खापड़िया ने बताया कि जिस तरह से अभी सिस्टम बना हुआ है, उस लिहाज से अभी दो दिन और बारिश होगी।

दूसरी ओर तालाबों की स्थिति भी काफी अच्छी है। सबसे बड़े सिरपुर तालाब की क्षमता 19 फीट है। बीते 10 दिनों में इसने कई बार क्षमता से ज्यादा का जल स्तर पार किया लेकिन सायफन ज्यादा देर तक खोले नहीं जा सके क्योंकि बारिश का तेजी वाला रुख लगातार नहीं रहा। अभी भी यह अपनी क्षमता तक तो लबालब है। ऐसे ही बडे सिरपुुर तालाब की क्षमता 16 फीट है जिसमें अभी 15.6 फीट तक पानी भरा है। छोटा सिरपुर की क्षमता 14 फीट है जिसमें 13.16 फीट पानी है। पीपल्यापाला तालाब (रीजनल पार्क) की क्षमता 22 फीट है जो लबालब है। ऐसे ही बड़ा बिलावली की क्षमता 34 फीट है जिसमें 23.8 फीट पानी व छोटा बिलावली की क्षमता 22 फीट है जिसमें 8.12 फीट पानी भरा है। उधर, अच्छी बारिश के चलते मालवा-निमाड सहित आसपास के क्षेत्रों में सोयाबीन की दूसरी बोवनी की फसलें पककर तैयार हैं। आष्टा व सीहोर के अलावा इनके आसपास के गांव इछावर, मैना, कोटरी, वफापुर, बागेर, भंवरा, खड़ी, जावर, मेतवाड़ा क्षेत्र की नई सोयाबीन फसलों की अच्छी ग्रोथ होने से किसान संतुष्ट हैं। उन्हें बस अब बारिश थमने का इंतजार है और फिर कटाई होगी।

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