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नकली दवा बेचने वाली मेडिकल एजेंसियों पर छापा:फर्जी कंपनियों के नाम से महंगी दवाइयां सस्ते में बेच रहे थे, मेडिकल एजेंसी संचालक के खिलाफ केस दर्ज

क्राइम ब्रांच और औषधि प्रशासन ने दवा बाजार स्थित मेडिकल एजेंसियों पर छापा मारा। यहां से डुप्लीकेट दवाइयां जब्त कीं। ये दवाइयां गर्भधारण, संक्रमण रोकने तथा महिलाओं से संबंधित हैं, जो महंगी मिलती हैं। दुकानदार फर्जी कंपनियों के नाम से सस्ते में बेच रहे थे। मामले में मेडिकल एजेंसी के संचालक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जबकि बाकी दुकानों से लिए गए सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

मामले में एबोट कंपनी की अधिकृत एजेंसी ने औषधि प्रशासन के अधिकारियों को सूचना दी थी कि PECAF-AZ, MOXIME-AZLB, GEFIX-AZLB, FINOZAX-LB TABLETS के नाम से अमानक दवाइयां बेची जा रही हैं। इस पर एएसपी (क्राइम ब्रांच) गुरुप्रसाद पाराशर ने टीम को तैयार किया। मामले में जितेन्द्र सोनी निवासी क्लर्क कॉलोनी से Duphaston Tablets की पर्चियां हासिल की गईं। पूछताछ में उसने शहनवाज खान द्वारा Duphaston Tablets के1600 रुपये प्रति बॉक्स के रेट में देना बताया।

शहनवाज से पूछताछ की तो उसने दिल्ली के रामकुमार दुबे व आगरा के पवन मेडिकल से 1200 रु. प्रति बॉक्स में लेना बताया, जबकि हकीकत में Duphaston Tablets एबोट्स कंपनी की कीमत बाजार में 6100 रुपए प्रति बॉक्स है। इसके बाद औषधि प्रशासन ने दोनों से पूछताछ के आधार पर दवा बाजार में शिफा मेडिकल, अग्रवाल मेडिकल स्टोर, अनस मेडिकल, अन्नपूर्णा मेडिकल, न्यू अन्नपूर्णा मेडिकल, यश मेडिकल, आजाद मेडिकल, सादली मेडिकल, गुडलक मेडिकल, गजब मेडिकल, एवन मेडिकल, चिराग मेडिकल व सांवरिया मेडिकल स्टोर से Duphaston Tablets, PECAF-AZ , MOXIME-AZLB , GEFIX-AZLB , FINOZAX-LB TABLETS आदि के सैंपल लिए।

इन दुकानदारों द्वारा बिना बिल के दवाइयां खरीदकर बेचने से साथ लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। इन दवाइयां को बनाने वाली फर्मों का पता एक जैसा होने के कारण व बॉक्स में अन्य पता होने से इंटरनेट से जानकारी ली, तो उक्त निर्माता फर्मों का नाम नहीं मिला। इस तरह, सांवरिया मेडिकल के संचालक राकेश पिता नंदलाल मुकाती द्वारा डुप्लीकेट दवाइयां बेचने के साथ लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। इस पर उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया। अन्य फर्मों से लिए गए सैंपलों को जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

दवाइयों के उपयोग के नाम हो रहा था खिलवाड़

एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि 24 सितम्बर से क्राइम ब्रांच व औषधि प्रशासन द्वारा संयुक्त कार्रवाई लगातार जारी है। सबसे पहले पूर्णिमा मेडिकल एजेंसी पर दवाइयों का ऐसा ही मामला पाया था जहां नॉन स्टैण्डर्ड दवाइयां मिली थी। इसी कड़ी में लगातार कार्रवाई चल रही है और अभी जारी रहेगी।

Duphaston Tablets : गर्भाशय की वृद्धि के कारण होने वाली समस्या और प्रोजेस्ट्रोन के कम स्तर के कारण बांझपन का इलाज करने के लिए किया जाता है।

PECAF-AZ : इसका उपयोग बैक्टीरिया के कारण होने वाले हल्के संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। यह बैक्टीरिया को आगे नहीं बढ़ने देता। किसी के संक्रमण की गंभीरता के आधार पर 5 से 14 दिनों के लिए यह दवाई ली जा सकती है।

MOXIME-AZLB : कान में संक्रमण, टॉन्सिल, स्किन इन्फेशन, गठिया के इलाज के लिए किया जाता है।

CEFIX-AZLB : छाती के संक्रमण जैसे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया के इलाज के लिए।

FINOZAX-LB TABLETS : लूस मोशन रोकने के लिए।

ग्राहकों को कम रेट में देने का फण्डा

प्रदेश के सबसे बड़े दवा बाजार में थोक दुकानदारों द्वारा छोटे दुकानदारों को तो 10 से 20 फीसदी कम रेट में दवाइयां उपलब्ध कराई ही जाती है लेकिन कुछ साल से जो ग्राहक सीधे दवा बाजार आते हैं उन्हें भी कम रेट में दवाइयां दी जाती है। इस फेर में कुछ दुकानदारों ने असम, महाराष्ट्र आदि की कंपनियों के नाम से संबंधित दवाइयों को बेचना शुरू कर दिया जबकि स्थिति यह है कि उक्त नामों की कंपनियां अस्तित्व में है नहीं। ग्राहक नहीं टूटे इसके चलते दुकानदार अवैधानिक तरीका अपना रहे हैं।

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