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मूल्यांकन का गणित गड़बड़ाया:हिस्ट्री-पॉलिटिकल साइंस, सोशियोलाॅजी और ज्योग्राफी में कॉपी जांचने वाले नहीं, 21 से 30 दिन लेट हो रहे रिजल्ट

 

  • तीन साल में आर्ट्स में छात्र संख्या बीकॉम से ज्यादा हो गई, लेकिन फैकल्टी कम

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के लिए बीए और एमए के रिजल्ट समय पर देना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। इस बार भी सबसे देरी से इन्हीं कोर्स के रिजल्ट जारी हुए। आने वाले समय में भी ये किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होंगे। वजह ये है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास बीए और एमए के चार अहम विषयों हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, सोशियोलाॅजी और ज्योग्राफी की काॅपियां जाने वाले मूल्यांकनकर्ता 60 से 65 फीसदी कम हैं।

प्रोफेसरों के रिटायर्ड होने और अन्य वजह से यह संख्या लगातार घट रही है। ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन के सामने चिंता ये है कि आखिर वह समय पर रिजल्ट कैसे दे? एमए और बीए के फाइनल के रिजल्ट आ चुके हैं, लेकिन बीए प्रथम और द्वितीय वर्ष, एमए के सेकंड सेमेस्टर के रिजल्ट देना चुनौती बन रहा है।

हैरानी.... मूल्यांकनकर्ताओं की संख्या और ज्यादा घट गई

हिस्ट्री : 90 मूल्यांकनकर्ताओं की जरूरत, लेकिन 35 हैं। पिछले साल यह संख्या 38 थी। ज्योग्राफी : 90 मूल्यांकनकर्ताओं की जरूरत, लेकिन 30 हैं। पिछले साल यह संख्या 35 थी। सोशियोलाॅजी : जरूरत है 100 मूल्यांकनकर्ताओं की, लेकिन 40 हैं। पिछले साल 47 थी। पॉलिटिकल साइंस : जरूरत 110-120 मूल्यांकनकर्ताओं की, लेकिन सिर्फ 28 हैं। पिछले साल 35 की जरूरत थी।

बीए में सबसे ज्यादा 78 हजार छात्र
पिछले तीन साल से बीए में छात्र संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में बीकॉम के तीनों वर्ष के 58 हजार और बीएससी के 17 हजार छात्र हैं, जबकि बीए में 78 हजार छात्र हैं। पिछले साल भी बीए में तीनों वर्ष के 69 हजार तो बीकॉम में 51 हजार और बीएससी में 16 हजार छात्र थे।
लॉ में भी हैं कई विषय
एमए के 38 और बीए 14 स्पेशलाइजेशन के साथ ही बीए एलएलबी, बीएड जैसे कोर्स में भी ये विषय हैं। मूल्यांकनकर्ता कम होने से इनका भी मूल्यांकन कार्य प्रभावित हो रहा है।

असर - रिजल्ट 21 से 28 दिन लेट

इस कमी का असर यह हो रहा कि बीए, एमए और बीए एलएलबी कोर्स का रिजल्ट ओपन बुक एग्जाम के बाद भी डेढ़ से दो सप्ताह तक लेट हुआ, जबकि हर बार यह 30 दिन तक लेट होता है।

प्रयास कर रहे हैं कोई रास्ता निकले
हिस्ट्री, ज्योग्राफी, पॉलिटिकल साइंस और सोशियोलाॅजी में मूल्यांकनकर्ताओं की कमी है। इसी कारण रिजल्ट लेट होते हैं। रास्ता निकाल रहे हैं। नए मूल्यांकनकर्ता कैसे जुड़ें, इस पर भी काम कर रहे हैं।-डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रण

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