एमवाय अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना पीपीपी मॉडल पर संचालित कृष्णा डायग्नोस्टिक लैब और अस्पताल प्रशासन के बीच लेनदेन विवाद में फंस गई है। विवाद के चलते लैब ने मरीजों की सीटी स्कैन और एमआरआई जांच करना बंद कर दिया है।
इसके चलते मरीज 15 दिन से परेशान हैं। लैब ने अस्पताल प्रशासन को किराए का भुगतान नहीं किया तो अस्पताल प्रशासन ने योजना की राशि देने से इनकार कर दिया है।
कृष्णा डायग्नोस्टिक लैब
लैब : एमवाय अस्पताल प्रशासन जब तक मरीजों की सीटी स्कैन और एमआरआई जांच का 2.5 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं कर देता, तब तक मरीजों की किसी तरह की जांच नहीं की जाएगी। इस संबंध में लैब प्रबंधन की ओर से अस्पताल प्रशासन को पत्र लिखकर सूचित भी किया जा चुका है, लेकिन अस्पताल ने अब तक जांच का भुगतान नहीं किया है। पैसा नहीं तो जांच नहीं।
एमवायएच प्रशासन
एमवायएच : लैब से हर माह 7 लाख 70 हजार रुपए किराया लेना तय हुआ था। लैब ने छह माह से किराया नहीं दिया है। जब तक किराया नहीं मिलेगा, लैब को किसी तरह का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसी साल अप्रैल में लैब का अनुबंध खत्म हो चुका है। नई लैब को पीपीई मॉडल पर एमवायएच में काम करने के लिए टेंडर दिया जा चुका है। तब तक पुरानी लैब ही काम करती रहेगी।
जहां वैकल्पिक व्यवस्था, वहां 24 घंटे सुविधा नहीं
अस्पताल प्रशासन ने रविवार से मरीजों की सीटी स्कैन और एमआरआई जांच के लिए एसआरएल लैब की वैकल्पिक व्यवस्था की, लेकिन वहां 24 घंटे जांच सुविधा उपलब्ध नहीं है। कृष्णा डायग्नोस्टिक लैब अस्पताल में ही होने से मरीज 24 घंटे कभी भी जांच करा लेते थे। इसके लिए उन्हें परिसर से बाहर नहीं जाना पड़ रहा था।
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