वर्षो से इंदौर -दाहोद रेलवे लाइन के मुद्दे को अब फिर गति मिलने के संकेत दिखाई देने लगे हैं। कोरोना संक्रमण कम होते ही मामले में फिर से हलचल शुरू हो गई है। इसे लेकर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन व वर्तमान सांसद द्वारा ट्रेन शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। दरअसल, काफी समय के बाद महाजन मीडिया से मुखातिब हुईं। उन्होंने इस मुद्दे पर किए गए सवाल पर अपनी बात कही।
महाजन ने कहा, मैंनेे इंदौर-दाहोद लाइन के लिए लगातार प्रयास शुरू किए थे। वैसे कई बार सरकारी प्रोजेक्ट में ऐसा ही होता है। योजना में देवास, शहडोल, मक्सी भी रूट में हैं। मैं 1989 से कोशिश कर रही हूं। तब इसका केवल 350 करोड़ रु. का बजट था, जो बढ़ता चला गया। इस बीच कई संकट आते गए। कभी भूमि अधिग्रहण नहीं हुआ, तो कभी कुछ हो गया। फिर प्रोजेक्ट में टनल की कल्पना भी की गई। हम पूरा प्रयास कर रहे हैं, कम से कम टिही तक तो मार्ग हो जाए।
इंदौर के विकास के लिए अच्छे संचार जरूरी
उन्होंने कहा कि पीथमपुर हमारा सबसे बड़ा औद्योगिक मार्ग है। यह आदिवासी क्षेत्र के हिसाब से है जो धार में आता है। मैंने सुझाव दिया कि इंदौर से धार तक पहला फेस मानो और उसे जल्द पूरा करो। फिर इस तरह फेसवाइस काम किया जाएं। दो-दो साल में राशि देते जाओ तो काम शुरू हो सकेगा। मैं इसे लेकर लगातार सुझाव देती रही हूं। इसके साथ ही मैं सांसद शंकर लालवानी को भी हर प्रोजेक्ट की जानकारी देती हूं। जो भी पत्र भेजती हूं उन्हें भी इसकी जानकारी देती हूं। हम दोनों सोच रहे हैं कि टिही तक के प्रयास शुरू कर दिए जाए। इंदौर व्यापारिक व औद्योगिक शहर है और जब कोई शहर इस श्रेणी में है तो उसके विकास के लिए यहां संचार के अच्छे साधन होना चाहिए।
अहिल्या स्मारक के लिए थोड़ी जमीन मिले
उन्होंने अहिल्या माता स्मारक को लेकर कहा कि लोग उनका महत्व नहीं जानते। उनका नाम क्यों लेते ये ही युवाओं को नहीं मालूम। वे इसे लेकर किताबें भी नहीं पढ़ते। लोगों को अहिल्या माता का महत्व पता चले इसलिए स्मारक मेरी कल्पना है। मैैंने सरकार से कहा है कि इसके लिए थोड़ी जमीन दी जाएं।
0 टिप्पणियाँ