- रेगिस्तान का मतलब आप भी रेत, धूप और शुष्क मौसम समझते हैं तो आपको जानकर हैरानी होगी कि रेगिस्तान में बर्फ़ की चट्टानें भी हो सकती हैं।
रेग फ़ारसी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है बालू। इसी से रेगिस्तान शब्द की उत्पत्ति हुई है। और रेगिस्तान का नाम सुनकर सबसे पहले दूर-दूर तक रेतीले टीले, पानी की कमी, तेज़ और तपती धूप ही ज़ेहन में उभरकर आते हैं। लेकिन रेगिस्तान से आशय हमेशा रेत और गर्मी आदि से नहीं लगाया जाना चाहिए। रेगिस्तान में बर्फ़ भी गिर सकती है और यह देखने में लुभावना भी हो सकता है।
राजस्थान का थार रेगिस्तान तो जग प्रसिद्ध है लेकिन यह समझना ज़रूरी है कि उस मरुभूमि को भी एक प्रकार का रेगिस्तान ही कहेंगे, जहां पर वर्षा कम होती है और मौसम सदा शुष्क होता है।
एक नज़र डालते हैं ऐसे ही कुछ ठंडे और अलग-अलग प्रकार के रेगिस्तानों पर।
जब सहारा में बर्फ़ गिरी
सहारा रेगिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा गर्म और रेतीला रेगिस्तान है। यह इतना बड़ा है कि अफ्रीका के एक-तिहाई हिस्से में फैला है और 11 राष्ट्र इसके भीतर स्थित हैं।
2018 में इस रेगिस्तान के अल्जीरिया वाले हिस्से में स्थित एक नगर ऐन सेफ्रा में बर्फ़बारी हुई थी। चूंकि यह हिस्सा पूरी तरह से रेत से ढका हुआ रहता है, इसलिए ऐसे क्षेत्र में बर्फ़ का गिरना एक दुर्लभ घटना थी।
2016 में भी यहां पर बर्फ़बारी देखी गई थी। इस क्षेत्र को सहारा का द्वार भी कहा जाता है। 40 वर्षों में यहां चौथी बार बर्फ़बारी की घटना हुई थी।
रेगिस्तान ठंडे भी होते हैं
यह दिलचस्प बात है कि सहारा दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान तो है लेकिन वह सिर्फ़ गर्म रेगिस्तानों में सबसे बड़ा है। ठंडे रेगिस्तान अंटार्कटिक और आर्कटिक इससे कई गुना विशाल हैं और समग्र रूप से विस्तार के मामले में सहारा रेगिस्तान तीसरे स्थान पर ठहरता है। लेकिन, प्रश्न यह भी है कि रेगिस्तान ठंडे किस प्रकार हो सकते हैं! इसके लिए रेगिस्तान की परिभाषा समझना ज़रूरी है। रेगिस्तान की परिभाषा उस क्षेत्र में होने वाली वर्षा और वनस्पतियों के उगने पर निर्भर करती है। ऐसा स्थान जहां पर न्यूनतम वर्षा होती हो यानी साल में 10 इंच से कम, तब उसे रेगिस्तान की संज्ञा दी जा सकती है।
रेगिस्तान तीन प्रकार के होते हैं उप उष्णकटिबंधीय (सबट्रॉपिकल), तटीय (कोस्टल) और ध्रुवीय (पोलर)। यहां वनस्पतियाें का उगना और जनजीवन का ठहर पाना लगभग असम्भव होता है, इसलिए ऐसे स्थानों को भी रेगिस्तान की संज्ञा दी गई है और ऐसे ही दो बड़े रेगिस्तान हैं, अंटार्कटिक और आर्कटिक।
यहां पर बर्फ़ ही बर्फ़ है और दुनिया का 90% पीने लायक पानी अंटार्कटिक में बर्फ़ की चट्टानों के रूप में जमा है। अंटार्कटिक यानी दक्षिणी ध्रुव पर पिछले 30 वर्षों में वर्षा का सालाना औसत 10 मिलीमीटर है। मध्य एशिया में स्थित गोबी मरुस्थल भी एक ठंडा रेगिस्तान है। शीतकाल के दौरान यहां का तापमान माइनस 40 डिग्री तक पहुंच जाता है। यह दक्षिणी मंगोलिया और उत्तर चीन के हिस्से में फैला हुआ है। इन ठंडे रेगिस्तानों में गर्मी तो होती है लेकिन गर्म रेगिस्तानों के मुक़ाबले कम होती है। हमारे देश में लद्दाख और लेह तथा हिमालय के भाग की जलवायु शीत मरुस्थल के समान ही है।
मरुस्थलों के प्रकार
तापमान के संदर्भ में देखें तो मुख्यत: चार प्रकार के रेगिस्तान होते हैं — अव्वल तो गर्म और शुष्क रेगिस्तान हैं, उसके बाद आते हैं अर्द्ध शुष्क मरुस्थल, और तटीय और फिर आते हैं ठंडे मरुस्थल।
शुष्क रेगिस्तानों में पूरे साल मौसम गर्म बना रहता है। जैसे सहारा रेगिस्तान या मोजावे रेगिस्तान।
अर्द्ध शुष्क रेगिस्तान इन गर्म रेगिस्तानों के मुकाबले कुछ ठंडे होते हैं यानी यहां का तापमान अपेक्षाकृत कम होता है। यहां पर शीतकाल में कुछ बारिश की संभावना भी होती है। इस तरह के रेगिस्तान, उत्तर अमेरिका, ग्रीनलैण्ड, यूरोप और एशिया में पाए जाते हैं।
तटीय रेगिस्तानों में अपेक्षाकृत अधिक नमी होती है लेकिन बारिश की मुसीबत बरकरार रहती है। चिली का अटाकामा रेगिस्तान तटीय रेगिस्तान का उदाहरण है।
और आख़िर में ठंडे रेगिस्तान भी होते तो शुष्क हैं लेकिन दूसरों के मुकाबले ठंडे होते हैं। अंटार्कटिक और आर्कटिक इसके उदाहरण हैं।
रोचक तथ्य
— रेगिस्तान सातों महाद्वीपों पर पाए जाते हैं। दुनिया का लगभग एक तिहाई हिस्सा इन रेगिस्तानों में है और दुनिया की लगभग एक अरब आबादी रेगिस्तान में निवास करती है।
— रेगिस्तान के दिन-रात के तापमानों में बहुत अंतर होता है। यहां दिन एकदम गर्म होते हैं और तापमान औसतन 38 डिग्री हो सकता है तथा वहीं रात का तापमान गिरकर माइनस 3 डिग्री तक भी जा सकता है।
— 10 जुलाई 1913 को डैथ वैली में किसी भी रेगिस्तान में अब तक का सबसे अधिक तापमान 56.7 डिग्री दर्ज किया गया था।
— सबसे बड़ा मरुस्थलीय शहर काहिरा है जो कि मिस्र की राजधानी है।
— अंटार्कटिका में गिरने वाली बर्फ़ कभी पिघलती नहीं और समय के साथ इसकी परत एक के ऊपर एक जमती जाती है
— चिली स्थित अटाकामा रेगिस्तान में सबसे कम वर्षा होती है- प्रतिवर्ष डेढ़ सें.मी. से भी कम। किसी साल तो पानी की एक बूंद नहीं गिरती।
— अर्लकुम, दुनिया का सबसे युवा रेगिस्तान है इसका निर्माण 60 के दशक में रूई के उत्पादन के लिए अराल झील के पानी का दोहन करने से हुआ।
— रेगिस्तान इतने गर्म भी होते हैं कि कभी-कभी बारिश की बूंदें धरती पर पड़ने से पहले ही भाप बनकर उड़ जाती हैं।
— सहारा रेगिस्तान में रेत के कई टीलों की ऊंचाई 180 मीटर तक हो सकती है। स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर है।
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