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अयोध्यापुरी जमीन घोटाले का मामला:500 करोड़ के प्लाॅटों का मामला है, सुरेंद्र और प्रतीक को जमानत नहीं मिलना चाहिए : शासन

  • अयोध्यापुरी जमीन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने संघवी को जारी किया नोटिस

अयोध्यापुरी जमीन घोटाले में हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत पर छूटे सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर शासन की अपील पर शुक्रवार को सुनवाई हुुई। तीन जजेस की खंडपीठ ने दोनों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। अयोध्यापुरी के रहवासी भी इंटरवीनर बने हैं।

तकरीबन आठ हजार पेज की आपत्ति जमानत के खिलाफ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुआई वाली खंडपीठ ने सुनवाई की। शासन की ओर से साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता, रहवासी संघ की ओर से अधिवक्ता रवींद्र श्रीवास्तव, अभिनव धनोतकर ने पैरवी की। शासन और इंटरवीनर की ओर से दलील दी गई कि 300 से ज्यादा प्लाॅट का मामला है, जिसकी कीमत ही 500 करोड़ रुपए से अधिक है।

इतने गंभीर मामले में पुलिस को काफी जांच करना है। पुलिस के तथ्यों और इंटरवीनर की आपत्ति को दरकिनार कर अग्रिम जमानत दे दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी मौखिक टिप्पणी की कि मामला गंभीर लगता है। इसलिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा जा रहा है। मेहता ने शासन की ओर से यह भी कहा कि पुलिस मामले की जांच कर ही रही है।

पीड़ित सदस्यों को प्लाॅट मुक्त करवाकर आवंटित करना है। इसके पहले ही अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया गया। हाई कोर्ट का आदेश निरस्त किया जाना चाहिए। अब अगस्त में शीर्ष अदालत इस मामले की सुनवाई कर सकती है।

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