शहर के ढाई हजार से ज्यादा मेडिकल संचालकों ने दुकानों का समय कम करने का निर्णय लिया है। अब दवा दुकानें देर रात तक खुली रहने की बजाय रात 10 बजे ही बंद होंगी। इंदौर ट्रेड रिटेल केमिस्ट ऑर्गनाइजेशन के आह्वान पर ये प्रयोग किया जा रहा है। पश्चिम क्षेत्र की 250 दुकानों से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। दुकानों पर समय परिवर्तन के पर्चे भी चस्पा कर दिए गए हैं। ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष मनीष जैन ने बताया, कोरोना के डेढ़ साल में रिटेलर्स ने समय सीमा से बाहर जाकर दवाइयां उपलब्ध करवाई।
इमरजेंसी केस में देर रात भी सेवाएं दीं। इतने लंबे समय तक संचालक परिवार को भी समय नहीं दे पाए। तीसरी लहर की आशंका और परिवार के साथ समय बिताने के मकसद से हमने दुकानों का समय कम करने का निर्णय लिया है। 5 जुलाई से पश्चिम इंदौर की ढाई सौ दुकानें रात 10 बजे बंद हो रही हैं। एसोसिएशन के सदस्य दुकान-दुकान पहुंचकर संचालकों से रात 10 बजे दुकान बंद करने का अनुरोध कर रहे हैं। ग्राहकों को असुविधा न हो इसके लिए उन्हें पहले से सूचना दे रहे हैं। फिलहाल एक ही क्षेत्र में दुकानों की समय सीमा तय की गई है।
क्षेत्र के चार बड़े अस्पतालों की दवा दुकानें पूरी रात खुली रखने का निर्णय
एसोसिएशन के सदस्य रितेश अग्रवाल ने बताया, दुकानों का समय जरूर कम हुआ है, लेकिन दवाइयों की उपलब्धता बनी रहे, इसके लिए भी हमने उपाय किए हैं। क्षेत्र के चार बड़े अस्पतालों की दवा दुकानें पूरी रात खुली रहती हैं। दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर के जरिए जरूरी दवाई ली जा सकती है। मेडिकल संचालकों के मुताबिक आमतौर पर 10 बजे बाद कम ही ग्राहक आते हैं। उसमें भी इमरजेंसी वाले ग्राहक न के बराबर होते हैं। यही ध्यान में रखकर ये निर्णय लिया है।
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