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अनाथ बच्चों का अवैध दत्तक गृहण अपराध की श्रेणी में

इंदौर कोविड-19 के दौरान अनेक परिवारों में माता, पिता अथवा अभिभावक की मृत्यु हो जाने से उन परिवारों के बच्चे अनाथ होने की संभावना है। ऐसे 0 से 18 वर्ष तक के बच्चे जिनके परिवार में माता-पिता की मृत्यु हो गई है तथा बच्चों की देखभाल करने वाला अन्य कोई भी संरक्षक अथवा अभिभावक नहीं है ऐसे सभी बच्चे देखरेख एवं संरक्षण की श्रेणी में आते हैं। इन बच्चों को किसी भी व्यक्ति, परिवार या संस्था द्वारा दत्तक पर लिया जाना अथवा दत्तक पर दिया जाना गैर कानूनी है तथा अपराध की श्रैणी में आता है।

    महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी  ने बताया कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं दत्तकगृहण विनियम 2017 के अनुसार ऐसे बच्चों को जिले की बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर नियमानुसार बच्चे को दत्तगृहण हेतु लीगल फ्री किया जाकर केंद्रीय दत्तक गृहण अभिकरण (कारा) के माध्यम से ही गोद दिये जाने का प्रावधान है। जनसामान्य से अपील है कि ऐसे किसी भी बच्चे को गैर कानूनी रूप से दत्तकगृहण पर न लें अथवा किसी भी बच्चे को किसी व्यक्ति, परिवार, संस्था आदि को दत्तक पर नहीं दें। ऐसे किसी संदेश, विज्ञापन अथवा व्यक्ति की जानकारी मिलने पर टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर- 181, चाइल्ड लाइन के नंबर- 1098, संबधित क्षेत्र का पुलिस थाना पर सूचित कर सकते हैं।

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