कोरोना के सैंपल रखने के लिए उपयोग में आने वाले कंटेनर यानी सैंपल रिसेप्टकल्स या वीटीएम (वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम) सहित कई अन्य जरूरी चिकित्सकीय उपकरण अब इंदौर में स्टरलाइज (जीवाणु रहित) किए जा सकेंगे। राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर कैट) ये सुविधा उपलब्ध कराएगा।
ये देश का पहला केंद्र होगा जो इलेक्ट्रॉन बीम रेडिएशन के जरिए मेडिकल उपकरणों को स्टरलाइज करेगा। कैट कोई प्रोसेसिंग शुल्क भी नहीं लेगा। आरआर कैट के नवागत निदेशक शंकर वी. नाखे ने बताया, इलेक्ट्रॉन बीम तकनीक वाला ये देश का पहला केंद्र है।
मुंबई स्थित ब्रिट गामा किरणों पर काम करता है। इस केंद्र पर हम सर्जिकल ड्रेसिंग मटेरियल, कैथेटर, सैंपल रिसेप्टकल्स (वीटीएम), डिस्पोजेबल परफ्यूजन सेट, अम्बिलिकल ऑक्लूज़न डिवाइस, बोल्स्टर सिवनी, अल्कोहल स्वैब जैसे सहित कई उपकरणों को उपचारित कर सकेंगे।
विकिरण उत्सर्जन कम होगा, प्रोसेसिंग शुल्क भी नहीं
डॉ. नाखे के अनुसार, इस तकनीक में विकिरण उत्सर्जन कम होता है। इससे प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होता है। गामा किरणों के माध्यम से स्टरलाइज किए गए उपकरण को डेढ़ से दो दिन तक होल्ड करना पड़ सकता है, जबकि इलेक्ट्रॉन बीम से उपचारित उपकरण कुछ ही घंटों में उपयोग किए जा सकते हैं। आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए हम इस सुविधा की प्रोसेसिंग फीस अभी नहीं ले रहे हैं।
कोरोना से लड़ने के लिए काम कर रहा केंद्र
आरआर कैट के नए निदेशक के रूप में शंकर विनायक नाखे ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया। उन्होंने कहा, विभागीय शोध के साथ संस्थान ऐसी तकनीकों पर भी काम कर रहा है जो जनता के लिए उपयोगी हो। कोरोना से लड़ाई के लिए नील भस्मी जैसे उपकरण भी संस्थान ने बनाए हैं, जो इनक्यूबेशन सेंटर के जरिए लोगों को उपलब्ध भी कराए जा रहे हैं। इसके अलावा भी स्वास्थ्य क्षेत्र में काम आने वाली तकनीकों पर काम चल रहा है।
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