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हत्या या आत्महत्या:3 दिन से लापता मामा-भांजे के शव हैदरगढ़ के कोहनियां के जंगल में फांसी पर झूलते मिले पास ही पड़ी थी बाइक

 

मामा सुमित और भांजा साेम। - Dainik Bhaskar
मामा सुमित और भांजा साेम।
  • सवाल: 4 साल को सोम खुद कैसे लगा सकता है फांसी

21 जून को शाम से घर से निकले मामा सुमित श्रीवास्तव (32) निवासी स्टेट बैंक कॉलोनी एवं उनका भांजा सोम श्रीवास्तव (4) वर्षीय के शव गुरुवार को कोहनियां गांव के आगे नवाबपुर(जिला विदिशा) के जंगल में अलग-अलग पेड़ों पर फांसी के फंदों पर लटके मिले। पास ही बाइक भी पड़ी हुई थी। घटना को लेकर क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पेड़ों पर लटकते शवों को चरवाहे ने देखा और इसकी सूचना ग्रामीणों को दी, उसके बाद डायल 100 को इस बात की जानकारी दी गई। जानकारी मिलने के बाद बेगमगंज एवं हैदरगढ़ की पुलिस द्वारा मौका मुआयना किए जाने के बाद दोनों के शवों को उतार कर पीएम के लिए हैदरगढ़ ले जाया गया है। इस घटना को लेकर सवाल यह उठता है कि 4 साल का सोम खुद कैसे फांसी लगा सकता है। मामा-भांजे हैदरगढ़ के जंगलों में कैसे पहुंच गए। हैदरगढ़ पुलिस मामले की जांच कर रही है।

फांसी पर लटके शवों की घर वालों ने की शिनाख्त
पुलिस द्वारा परिजनों को खबर मिली की कोहनियां के आगे झिरिया मंदिर के पीछे नवाबपुर के जंगल जोकि विदिशा जिले के हैदरगढ़ थाना अंतर्गत आता है। वहां एक युवक एवं एक बच्चे का शव अलग-अलग पेड़ पर फांसी के फंदे पर झूलता हुआ देखा गया है। शंका के आधार पर बेगमगंज पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के भाई सुनील श्रीवास्तव ने जाकर देखा तो वहां उन्होंने पाया कि साड़ी के फंदे से एक पेड़ पर सुमित जबकि दूसरे पेड़ पर उसके भांजे सोम श्रीवास्तव का शव साड़ी के फंदे से लटके हुए हैं।

तीन दिन पहले घर से भांजे को आइस्क्रीम दिलाने के बहाने बाइक से ले गया था मामा

एसडीएम के पूर्व रीडर का बेटा था सुमित
एसडीएम के पूर्व रीडर स्वर्गीय अवधनारायण श्रीवास्तव के 3 पुत्र संजय, सुनील और सुमित श्रीवास्तव के अतिरिक्त दो पुत्रियां हैं। जिनमें से तीसरा पुत्र सुमित 21 जून सोमवार की शाम करीब 5 बजे अपनी बहन अंजूलता श्रीवास्तव जो कि लॉकडाउन के दौरान अपने मायके आई हुई थी। उसके 4 वर्षीय इकलौते पुत्र सोम श्रीवास्तव को घर से आइसक्रीम दिलाने का कहकर निकला था, लेकिन मामा-भांजे दोनों जब घर वापस नहीं पहुंचे। तब उनके शिक्षक भाई सुनील श्रीवास्तव द्वारा बेगमगंज थाने में दोनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और रिश्तेदारों सहित सभी जगह तलाश भी किया,लेकिन 3 दिन तक उनका कोई पता नहीं चला।

घर से दूसरे कपड़े पहनकर गए, शवों पर दूसरे कपड़े
दोनों मामा-भांजे की संदिग्ध मौत पर उनके परिजनों द्वारा कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवत गड़ा हुआ धन खोदने के चक्कर में बच्चे की बलि चढ़ा दी गई हो और बाद में मामा को भी मारकर लटका दिया गया हो। हालांकि हत्या या आत्महत्या की बात तो पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद ही सामने आ पाएगी, लेकिन घटना स्थल के पास खुदी हुई मिट्टी भी पड़ी है। परिजनों का यह भी कहना है कि जो कपड़े पहने हैं वह घर से पहनकर नहीं गए थे, अकेले भांजे को लेकर गया था फिर फांसी पर लटकने के लिए उसके पास वह कपड़े कहां से आए। मृतक युवक के दोनों भाई संजय, सुनील तथा अन्य परिजन के अनुसार सुमित बीएससी तक पढ़ा होकर फिलहाल बेरोजगार था। वह डिप्रेशन में भी रहता था। इसके अतिरिक्त वह लोग और कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं।

प्रथम दृष्टया आत्महत्या का लग रहा मामला

  • प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। संभवत: पारिवारिक विवाद के चलते मृतक सुमित श्रीवास्तव ने पहले अपने भांजे की हत्या की हो, फिर बाद में स्वयं फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली होगी। क्योंकि घटनास्थल पर मिले सुराग के आधार पर मामला फिलहाल आत्महत्या का ही लग रहा है। फिर भी विदिशा पुलिस और एफएसएल टीम द्वारा घटनास्थल सहित सभी बिंदुओं की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। -शिवप्रसाद विश्वकर्मा, थाना प्रभारी, हैदरगढ़, विदिशा।

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