बीमारी से ज्यादा खौफनाक इलाज का खर्च बन गया है। 31 साल के युवक को पहले कोरोना हुआ, फिर ब्लैक फंगस ने घेर लिया। परिवार और रिश्तेदार मिलकर साढ़े 13 लाख रुपए उपचार में अब तक खर्च कर चुके हैं। इस बीच निजी अस्पताल ने 65 लाख रुपए का एस्टीमेट बनाकर दे दिया। देवगुराड़िया, बायपास क्षेत्र निवासी 31 साल के योगेश वर्मा का फिलहाल बॉम्बे हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। 65 लाख का एस्टीमेट उन्हें सुयश अस्पताल ने बनाकर दिया था। युवक के पिता रामचंद्र ने बताया बेटे के इलाज के लिए अब मकान बेचने की तैयारी कर रहे हैं।
जो इंजेक्शन देना थे, उनके खर्च का एस्टीमेट ही दिया
इंजेक्शन का खर्च रोज 1 लाख 25 हजार रुपए होता है। हमने 6 हफ्ते के हिसाब से ही पेशेंट के परिजन को सिर्फ इंजेक्शन के खर्च का एस्टीमेट बनाकर दिया है।-डॉ. जीएस मालपानी, सुयश हॉस्पिटल
मुझे अभी इस पूरे मामले की जानकारी नहीं है
मुझे अभी इस पूरे मामले की जानकारी नहीं है। ब्लैक फंगस के इलाज में मुख्य खर्च इंजेक्शन का ही होता है। इंजेक्शन का अलॉटमेंट और रेट तो सरकार ही तय कर रही है।-राहुल पाराशर, जीएम, बॉम्बे हॉस्पिटल
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