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विश्व तंबाकू निषेध दिवस:धूम्रपान करने वालों में कोविड से मौत का खतरा

 

 लॉकडाउन में दुकाने बंद होने से तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं हाे सकी। कुछ लोगों ने स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संस्थाओं को बताया कि वे इस लत कोे छोड़ना चाहते थे, इसी बहाने यह आदत छूट गई है। मप्र वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन अब केस स्टडी करेगी कि आखिर कितने लोगों की लत छूटी है।

एसोसिएशन के मुकेश सिन्हा कहते हैं अभी एक साल ही हुआ है, इसलिए आने वाले समय में इसके परिणाम सामने आएंगे। भारत में हर साल 12-13 लाख लोगों की मौत तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से होती है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक धूम्रपान करने वालों को गंभीर बीमारी विकसित होने और कोविड-19 से मौत का अधिक खतरा होता है।

हृदय रोग, कैंसर, श्वसन रोग और मधुमेह के लिए तंबाकू जोखिम कारक है। तंंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि तंबाकू छोड़ना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन निश्चित रूप से लॉकडाउन में तंबाकू उत्पाद का सेवन करने वाले लोगों में कमी आई है।

तंबाकू का सेवन नहीं करने के फायदे

  • 12 घंटे में रक्त में कार्बन मोनो ऑक्साइड का स्तर सामान्य हो जाता है।
  • 2-12 सप्ताह में फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
  • 1-9 महीने में खांसी और सांस की तकलीफ कम हो जाती है।
  • 1 वर्ष में कोरोनरी हृदय रोग का जोखिम आधा होता है।
  • 10 वर्षों में फेफड़े के कैंसर का जोखिम धूम्रपान करने वाले की तुलना में आधा हो जाता है।


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