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बजट में इंदौर:उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ने से इंदौर-पीथमपुर के उद्योगों को फायदा; ‘टेक्सटाइल पार्क’ पर भी इंदौर कर सकेगा दावा

 

  • लोहा और इस्पात पर ड्यूटी घटाने से छोटे फ्लैट की मांग बनी रहेगी

सोमवार को पेश केंद्रीय बजट से सीधे तौर पर इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होने से इंदौर रीजन के 12 लाख करदाताओं को सीधे लाभ नहीं मिला है, लेकिन 75 साल के करदाता, जो केवल पेंशन और बैंक में जमा राशि पर ब्याज पर निर्भर हैं, उन्हें इनकम टैक्स से पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है।

इस दायरे में इंदौर के करीब सात हजार बुजुर्ग करदाता आ जाएंगे, जिन्हें इस घोषणा का सीधा लाभ होगा। वहीं कई मामलों में बाहर से आने वाली सामग्री पर ड्यूटी बढ़ाई गई है, जिससे इंदौर व पीथमपुर की इंडस्ट्री को लाभ होगा और इससे उद्योगों में उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार भी। अभी इंदौर के औद्योगिक क्षेत्रों में 40 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं, वहीं पीथमपुर में एक लाख लोग काम करते हैं।

रियल एस्टेट- 10,000 करोड़ का कारोबार
70,000 लोगों को रोजगार- 
रियल एस्टेट सेक्टर में इंदौर में हर साल दस हजार करोड़ का कारोबार होता है। इस कारोबार पर 80 से ज्यादा तरह के अन्य कारोबार टिके हुए हैं। 300 से ज्यादा प्रोजेक्ट इस समय शहर और आसपास चल रहे हैं। 70 हजार रोजगार हैं।

असर- अफोर्डेबल हाउसिंग प्रावधान एक साल और बढ़ाने, लोहा-इस्पात पर ड्यूटी घटाने से छोटे फ्लैट की मांग बनी रहेगी।

मेडिकल टूरिज्म- 500 करोड़ का कारोबार, 30,000 लोगों को रोजगार

मेडिकल के हिसाब से इंदौर सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा हब है। यहां विदेश से भी लोग इलाज के लिए आते हैं। यहां पर ढाई सौ से ज्यादा छोटे-बड़े अस्पताल हैं। कोरोना के दौर में भी आसपास के जिलों से हजारों लोगों ने यहां उपचार कराया।

असर- हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बजट बढ़ाया है। इससे इंदौर में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा।

फार्मा इंडस्ट्री- 11,000 करोड़ का कारोबार, 20,000 से ज्यादा को रोजगार

फार्मा सेक्टर के लिए सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा हब सेज पीथमपुर है, जहां से हर साल करीब सात हजार करोड़ की दवाएं निर्यात होती हैं। सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में भी सैकड़ों यूनिट स्थापित हैं। हर साल 11 हजार करोड़ का कारोबार।

असर- एमएसएमई के लिए 15700 करोड़ का बजट। इससे एपीआई की यूनिट आएगी, फार्मा हब और विकास करेगा।

टेक्सटाइल- 5000 करोड़ का कारोबार, 30,000 से ज्यादा को रोजगार

टेक्सटाइल सेक्टर में इंदौर हमेशा से ही बड़ा सेंटर रहा है। इंदौर के आसपास मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के साथ ही रेडिमेड बिक्री केंद्र भी स्थापित हैं, जहां से पूरे प्रदेश और राज्यों में कपड़ा निर्यात होता है। पांच हजार करोड़ रुपए का कारोबार है।

असर- टेक्सटाइल पार्क के लिए इंदौर का दावा मजबूत है, क्योंकि यहां से कपास कई जगह जाता है। इससे किसानों को बाजार मिलेगा।

ऑटोमोबाइल- 15,000 करोड़ का कारोबार, 30,000 से ज्यादा को रोजगार

पीथमपुर में ऑटो इंडस्ट्री का हब है। यहां कई बड़ी यूनिट स्थापित होने के चलते कलपुर्जे व अन्य पार्ट्स बनाने वाली सैकड़ों यूनिट स्थापित हैं, जो इन बड़ी यूनिट को सप्लाय करती हैं और फिर यहां से वाहन बनकर अन्य देशों में सप्लाय होते हैं।

असर- कलपुर्जों को बढ़ावा देने के लिए ड्यूटी बढ़ाई है। उत्पादन बढ़ाने के लिए पीथमपुर की इंडस्ट्री पहले से तैयार है।

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