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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद एवं नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि दी चित्र पर माल्यार्पण कर किया नमन

                मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद एवं महान समाजसेवी नानाजी देशमुख की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने निवास पर दोनों महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण कर शत्-शत् नमन किया।

                मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद ने देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान किया था। वे अदम्य साहस की मिसाल थेउनके नाम से अंग्रेज थर-थर कांपते थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महान समाजसेवी श्री नानाजी देशमुख ने शिक्षास्वास्थ्य तथा ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। इन महापुरुषों के बताये मार्ग पर चलकर हम देश एवं प्रदेश की उन्नति के लिए सदैव कार्य करते रहेंगे।

*शहीद चन्द्रशेखर 'आजाद'*

                शहीद चन्द्रशेखर 'आजाद' (23 जुलाई 1906 - 27 फ़रवरी 1931) महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी थे। वे शहीद राम प्रसाद बिस्मिल व शहीद भगत सिंह जैसे महान क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में  9 अगस्त 1925 को काकोरी  को अंजाम दिया। सन् 1927 में 4 प्रमुख साथियों के बलिदान के बाद उन्होंने उत्तर भारत की सभी क्रान्तिकारी पार्टियों को मिलाकर "हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन" का गठन किया और भगत सिंह के साथ लाहौर में लाला लाजपत राय की मौत का बदला सॉण्डर्स की हत्या करके लिया एवं दिल्ली पहुँच कर असेम्बली बम काण्ड को अंजाम दिया।

*नानाजी देशमुख*

                चंडिकादास अमृतराव देशमुख (11 अक्टूबर 1916 - 27 फरवरी 2010) एक भारतीय समाजसेवी थे। वे पूर्व में भारतीय जनसंघ के नेता थे। वर्ष 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनीतो उन्हें मोरारजी मंत्री मंडल में शामिल किया गया। उन्होंने यह कहकर मंत्री पद ठुकरा दिया कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग सरकार से बाहर रहकर समाज-सेवा का कार्य करें।

                नानाजी देशमुख जीवन पर्यन्त दीनदयाल शोध संस्थान के अन्तर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार के लिये कार्य करते रहे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया। अटलजी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षास्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिये पद्म विभूषण भी प्रदान किया। वर्ष 2019 में उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया गया।

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