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MP में बच्चे अब भी स्कूल जाने से डर रहे:मंडल की हेल्पलाइन पर रिकॉर्ड कॉल; सवाल सिर्फ एक स्कूल जाएं या नहीं, जवाब- गाइडलाइन का पालन करें

 

9वीं से लेकर 12वीं तक के 1 जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक 2 लाख 35 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने मंडल की हेल्पलाइन पर सवाल पूछे हैं।
  • जनरल प्रमोशन से लेकर विषय और किस समय पढ़ाई करें तक के सवाल आ रहे
  • अब तक फोन पर ही 2 लाख 35 हजार छात्र की काउंसलिंग की जा चुकी है

मध्यप्रदेश में स्कूली बच्चे अब भी स्कूल जाने से डर रहे हैं। उन्हें कोरोना का डर सता रहा है। इस संबंध में 9वीं से लेकर 12वीं तक के 1 जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक 2 लाख 35 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने मंडल की हेल्पलाइन पर सवाल पूछे हैं। यही कारण है कि इस बार पिछले साल की तुलना में एक लाख से ज्यादा छात्रों ने कॉल किए हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल के 18 काउंसलिंग ने रिकॉर्ड कॉल अटेंड किए हैं।

इसी दौरान वर्ष 2019 में 1 लाख 31 हजार छात्र छात्राओं के कॉल आए थे। इस संबंध में विज्ञान केंद्र मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के निदेशक डॉक्टर हेमंत शर्मा ने छात्रों के मन में उठने वाले सवालों के जवाब दिए। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा सवाल कोरोना और स्कूल जाने को लेकर रहे।

कुल छात्र : करीब 25 लाख

एमपी बोर्ड के छात्र : 20 लाख करीब

काउंसलिंग की स्थिति

वर्षकुल कॉल
20202 लाख 35 हजार
20191 लाख 31 हजार
20181 लाख 6 हजार

काउंसलिंग के दौरान पूछे गए सवाल

सवाल : क्या स्कूल जाने पर कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा?
जवाब : सावधानी ही बचाव है। घर से निकलते समय कोरोना गाइडलाइन का पालन करें और स्कूल जाने के लिए अपने माता-पिता की अनुमति लें। इसी तरह कोरोना से बचा जा सकता है।

सवाल : क्या इस बार परीक्षा समय पर हो पाएगी?
जवाब : अभी तक यह तय नहीं हुआ है, लेकिन शासन इस बात का ध्यान रख रहा है कि कोरोना में बच्चों के लिए क्या बेहतर विकल्प हो सकता है। उसी पर विचार चल रहा है। जल्द ही परीक्षा को लेकर भी शासन स्थिति स्पष्ट कर देगी।

सवाल : क्या माता-पिता की अनुमति लेना जरूरी है?
जवाब : हां, शासन ने इसको लेकर सख्त गाइडलाइन जारी किया है। स्कूल वाले किसी तरह का दबाव नहीं बना सकते हैं। माता-पिता की अनुमति मिलने के बाद ही स्कूल आना होगा।

सवाल : बीच में जनरल प्रमोशन की बात की थी, तो अब क्या होगा?
सवाल : परीक्षा होना तय है और परीक्षा भविष्य के लिए अच्छी है। इसलिए शासन इसको लेकर गंभीर है। हां, बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ा जा रहा है।

सवाल : पढ़ाई के लिए कौन सा समय उपयुक्त है?
जवाब : जितना संभव हो सुबह जल्दी उठकर कम से कम 2 घंटे पढ़ाई करें। उसके बाद कुछ रिलैक्स रहे और दिमाग को शांत करने के लिए म्यूजिक आदि का सहारा लें। दिनभर में सभी विषयों को क्रमबद्ध तरीके से पढ़ने से अच्छी तरीके से याद होता है। अभी से पढ़ाई शुरू करने से पेपर के समय ज्यादा भार नहीं होगा।

सवाल : पढ़ाई के लिए मैटर कहां से मिलेगा?
जवाब : शासन ने वीडियो और मंडल की वेबसाइट पर सभी क्लास के मैटर अपलोड किए हैं। वहां से इसकी पढ़ाई की जा सकती है। इसके अलावा ऑनलाइन पढ़ाई शासन द्वारा कराई जा रही है।

सवाल : क्या इस बार पेपर टफ होंगे और किस तरह के सवाल आएंगे?
जवाब : पेपर टफ या सरल नहीं होता है। इसमें सवाल कोर्स के अंदर से ही पूछे जाते हैं। अगर सभी विषय को सिलसिलेवार सही तरीके से पढ़ा जाए, तो साले सवाल किसी भी तरह से पूछा जाएं, उसका जवाब आसानी से दिया जा सकेगा।

सवाल : लिखने की आदत छूट गई है, इसके लिए क्या करें?
जवाब : सुबह और शाम करीब 3 घंटे तक सवालों के जवाब लिखकर याद करने का प्रयास करें। इससे लिखने की आदत बनेगी। साथ ही पेपर के समय से जल्दी से सवालों के जवाब भी दिए जा सकेंगे।

सवाल : माता-पिता अगर स्कूल भेजने को तैयार नहीं तो क्या करें?
जवाब : सभी स्कूल में प्राचार्यों और संचालकों ने माता-पिता के सवालों के जवाब देने के लिए टीम बनाई है। माता-पिता से बात करें और जाने की उन्हें किस बात को लेकर दुविधा है। शिक्षकों से बात कराएं, लेकिन उनकी अनुमति के बिना स्कूल में प्रवेश नहीं मिलेगा।

सवाल : ग्रुप स्टडी के लिए क्या करें?
जवाब : अभी जितना संभव हो, तो अकेले रहकर ही पढ़ाई करें। जितने कम लोगों के संपर्क में आएंगे, कोरोना का खतरा उतना ही कम रहेगा।

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