- बेतहाशा टैक्स के कारण पेट्राेल-डीजल के दाम लागत से तीन गुना अधिक, अब तक के उच्चतम स्तर पर पेट्राेल-डीजल के दाम शनिवार को 25-25 पैसे बढ़े। नए साल में दाम बढ़ने का यह 8वां मौका है। केंद्र ने मई 2020 में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी क्रमश: 10 और 13 रु. प्रति लीटर बढ़ा दी थी, जो अब भी जारी है। राज्य सरकारें वैट अलग से लगाती हैं। इससे कच्चे तेल में मामूली बढ़ोतरी से भी कीमतें रिकॉर्ड बना रही हैं। जानकारों के अनुसार बिना टैक्स कटौती राहत नहीं मिलेगी।
श्रीगंगानगर में 97.50 रु., सर्वाधिक
राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल 97.50 रु. लीटर हो गया है। यह देश में सर्वाधिक है। वहीं इंदौर में पेट्रोल 93.65 और डीजल 83.93 रुपए प्रति लीटर हुआ।
इंदौर में पेट्रोल 93.65 और डीजल 83.93 रुपए प्रति लीटर हो गया
ड्यूटी बढ़ाते समय दावा था कि असर आम आदमी पर नहीं होगा
6 मई 2020 को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) बढ़ा था। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल के दाम 71.26 रुपए थे। तब कहा गया था बढ़ोत्तरी का असर आम आदमी पर नहीं होगा। लेकिन पेट्रोल के दाम तब से 15 रुपए लीटर तक बढ़ चुके हैं, टैक्स में भी कटौती नहीं हुई है।
कच्चा तेल 4745 रु., पर पेट्रोल 75 रु.; 1539 हुआ तो भी 72
दिसंबर 2019
कच्चा तेल : 4745 रुपए प्रति बैरल
पेट्रोल 75 रुपए लीटर
अप्रैल-मई 2020
कच्चा तेल : 1,539.85 रु. बैरल
पेट्रोल 72 रुपए लीटर
आगे भी कच्चे तेल के दाम नहीं घटेंगे। दुनिया में टीकाकरण और आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं।
बिहार में चुनाव थे, कच्चा तेल 3 हजार पार, फिर भी दाम स्थिर
22 सितंबर से 19 नवंबर 2020
कच्चे तेल के दाम 3,010.80 रु. बैरल से 3,077.23 रु. बैरल हो गए। पर पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहे। 25 सितंबर को चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव की घोषणा की थी। 10 नवंबर को नतीजे आए। 20 नवंबर को भाव फिर बढ़ने लगे।
0 टिप्पणियाँ