शहर की खराब सड़कों को सुधारने के लिए नगर निगम ने 15 साल में विकास बॉण्ड, फीडर और लिंक रोड प्रोजेक्ट के तहत 800 करोड़ रुपए खर्च कर फोर लेन में बदला। कर्ज, टैक्स और जनसहयोग से बनी इन सड़कों को खुद निगम ने ही फिर खोद डाला है। वजह, नाला टेपिंग का काम और सीवरेज की जो लाइनें गलत बिछ गई हैं, उन्हें दुरुस्त करना है।
शहर का अधिकांश हिस्सा खुदा पड़ा है, धूल उड़ रही है, ट्रैफिक बाधित हो रहा है। यह सब तब हो रहा है, जब कुछ ही दिन में स्वच्छता सर्वे शुरू होने वाला है। ऐसे में निगम के सामने खुद के ही काम से निपटने की चुनौती है।
सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत 2008 से 2011 के बीच शहर में डली प्राइमरी और सेकंडरी सीवरेज लाइनों के अलाइनमेंट में पिछले दिनों बड़ी गड़बड़ियां सामने आई थीं। तब 11 सड़कों पर सुधार कार्य चल रहा था, जो बढ़ते हुए 17 तक पहुंच गया है। इनसे जुड़ा 12 किमी हिस्सा प्रभावित है, जहां काम के चलते ट्रैफिक डायवर्ट है।
इसी तरह निगम को नदियों की सफाई के लिए सभी नालों की टेपिंग करना है। बाकी शहर में खुदाई इसी प्रोजेक्ट के लिए चल रही है। 22 सड़कें, जिनकी लंबाई करीब 15 किमी के लगभग होगी, नाला टेपिंग के कारण प्रभावित हैं।
ताकि शहर पर कोई दाग न हो... कर्ज से, जनसहयोग से सुधारा था इन सड़कों को
17 सड़कों ने चुकाई एक गलती की कीमत
1. चोइथराम अस्पताल 2. बड़ा गणपति 3. कृषि कॉलेज 4. सरवटे बस स्टैंड 5. राजकुमार ब्रिज 6. आनंद बाजार 7. जिला जेल 8. नेमावर रोड 9. बाणगंगा 10. कबीटखेड़ी 11. पंद्रहवीं बटालियन 12. सत्यसाईं चौराहा 13. महिंद्रा मोटर्स चौराहा 14. निरंजनपुर 15. विजय नगर 16. द्रविड़ नगर 17. महू नाका।
बैंक गारंटी जब्त करने का नोटिस दिया है
सीवरेज प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता के मुताबिक, सीवरेज प्रोजेक्ट करने वाली तीनों कंपनियों नागार्जुन, सिम्प्लेक्स और प्रतिभा इंडस्ट्रीज की 10% सिक्योरिटी डिपॉजिट और बैंक गारंटी जब्त करने का नोटिस दिया है।
- 840 करोड़ खर्च 12 साल में सीवरेज के नाम पर
- 400 करोड़ 2008-09 का प्रोजेक्ट 50 करोड़ 17 सड़कों का सुधार
- 300 करोड़ अमृत योजना के नाम पर खर्च 90 करोड़ 22 जगह नाला टेपिंग
रेलवे स्टेशन की सड़क सबसे पहले बनेगी
रेलवे स्टेशन के सामने ड्रेनेज का पाइप डालने के 45 दिन के काम को 252 दिनों तक अटकाने वाले नगर निगम के अधिकारियों ने शनिवार से काम में तेजी दिखाना शुरू किया। जो काम अटका था वह शनिवार रात तक पूरा कर दिया गया। अब सबसे पहले रेलवे स्टेशन के सामने की सड़क बनाई जाएगी।
निगम के कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता ने बताया कि पटेल ब्रिज के नीचे पांच मीटर का पाइप डालने का काम बचा था। वह शनिवार रात तक पूरा कर लिया गया। अब जल्द ही फिनिशिंग के बाद लाइन चार्ज कर देखा जाएगा कि पानी का फ्लो बराबर आ रहा है या नहीं।
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