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किसान आंदोलन का 67वां दिन:किसान नेताओं ने हिंसा पर कहा- हम जंग के लिए नहीं जा रहे, सरकार हम लोगों को उकसा रही है

 

फोटो शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर की है, जहां 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद लगातार किसानों की तादाद बढ़ती जा रही है।

दिल्ली और सिंघु बॉर्डर हिंसा के बाद किसान नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की है। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हम किसी जंग के लिए नहीं जा रहे हैं। उन्होंने हिंसक प्रदर्शन पर कहा कि सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को भड़काने की साजिश हुई थी, पर किसानों को किसी तरह की हिंसा में शामिल नहीं होना चाहिए।

राजेवाल का बयान सिंघु पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प के बाद आया है, जिसमें एक SHO तलवार के हमले में घायल हो गया था। बीते शुक्रवार कुछ लोग प्रदर्शनकारियों को सिंघु से हटाने के लिए पहुंचे थे। इस विवाद के दौरान हालात संभालने के लिए पहुंची पुलिस पर हमला कर दिया गया था।

राजेवाल ने कहा, "किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले से हमारी अपील है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें। हमें यह ध्यान में रखना है कि हम किसी जंग में नहीं जा रहे हैं। यह हमारा देश है और हमारी सरकार है। सिंघु पर जो कुछ भी हुआ, उसके पीछे भाजपा और संघ के लोगों का हाथ है। सरकार हमें हिंसा के लिए उकसाने की कोशिश कर रही है।'

पिछले 6 दिन में 2 बार हुई हिंसा, अब तक 38 FIR और 84 गिरफ्तार
26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में लाल किला समेत कई जगहों पर हिंसा हुई थी। इसके बाद 29 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर भी पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस मामले में अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

ट्रैक्टर रैली की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने रैली शामिल ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन नंबर और मोबाइल कॉल डेटा की पड़ताल की है। पुलिस को हिंसा से संबंधित 1700 वीडियो क्लिप और CCTV फुटेज भी मिल हैं। अब तक दिल्ली पुलिस ने 38 FIR दर्ज की हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सर्विस 31 जनवरी की रात 11 बजे तक बंद कर दी है।

हम किसानों से महज एक फोन कॉल दूर हैं- मोदी
शनिवार को सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों को 22 जनवरी को जो प्रस्ताव दिया गया था, वह अब भी बरकरार है। कोई भी हल बातचीत से ही निकलना चाहिए। उन्होंने किसानों से कहा, "मैं आपसे सिर्फ एक फोन कॉल दूर हूं। जब भी आप फोन करेंगे, मैं बातचीत के लिए तैयार हूं।'

मोदी के इस बयान पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार कृषि कानून वापस क्यों नहीं ले रही है। सरकार हमें बताए कि इसके पीछे क्या मजबूरी है, हम दुनिया के सामने भारत का मान नहीं घटने देंगे। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई विचारों की है और इसे दबाने के लिए सरकार को ताकत का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

गाजीपुर में लगातार बढ़ रहे हैं किसान
26 जनवरी के बाद गाजीपुर में लगातार UP और हरियाणा से किसान पहुंच रहे हैं। मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को हुई महापंचायत में किसानों से यही अपील की गई थी। किसान नेताओं ने शुक्रवार को एक दिन का उपवास रखकर सद्भावना दिवस मनाया था। इसके जरिए वो 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा का प्रायश्चित करना चाहते थे।

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