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इंदौर:आईजी ने पुलिस अफसरों की क्लास मीटिंग में नहीं आने वालों को दी हिदाय


पलासिया स्थित नए पुलिस कंट्रोल रूम में अधिकारियों की बैठक लेते आईजी देखमुख

पुलिस लाइन में जांच और कनाड़िया, भंवरकुंआं थाने निरीक्षण के दौरान दोनों टीआई को लाइन अटैच करने के बाद आईजी योगेश देशमुख ने गुरुवार को पुलिस अफसरों की क्लास ली। पलासिया थाने के पीछे नए पुलिस कंट्रोल रूम में उन्होंने अधिकारियों से साफ कह दिया कि मैं जिस भी थाने में जा रहा हूं, वहां काफी गड़बड़ियां मिल रही हैं। अगली बार यही हाल रहा तो आप लोगों को छोड़ूंगा नहीं। मीटिंग में नहीं आए दो अफसरों के बारे में भी जानकारी ली।


आईजी की इस मीटिंग में सीएसपी, एसडीओपी और एएसपी स्तर के अफसरों के साथ एसपी और डीआईजी भी मौजूद थे। उन्होंने सभी सीएसपी को जमकर फटकारा। कहा कि थानों में कौन सी कार्रवाई हो रही है कौन सी कायमी हो रही है यह तक आप लोगों को जानकारी नहीं है। थानों के सभी माल खाने की पेंडेंसी दिसंबर तक खत्म हो जाना चाहिए। थानों पर केस समय से निपटाएं। मालखाने में सफाई से लेकर सारे रिकॉर्ड मेंटेन रखें। अगली बार सब व्यवस्थित नहीं मिला तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें।


नाइट गश्त है तो अगले दिन 11.30 बजे तक मैदान में आ जाना चाहिए


मीटिंग में अनुपस्थित रहने वाले सीएसपी और एएसपी की जानकारी भी मांगी। तभी एक अफसर ने कहा कि तीन लोग हैं। एक परमिशन पर हैं और दो की नाइट गश्त थी। इस पर आईजी बोले नाइट गश्त है तो अगले दिन 11.30 बजे तक मैदान में आ जाना चाहिए। फिर एक अधीनस्थ ने कहा कि 2 बजे तक आने की व्यवस्था हैं। हालांकि उनके बोलने के कुछ देर बाद ही सीएसपी निहित उपाध्याय और एएसपी राजेश व्यास मीटिंग में पहुंच गए।


सभी अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने का कहा है : आईजी


आईजी ने मीडिया से चर्चा से कहा कि सीएसपी, एसडीओपी और एएसपी स्तर के अफसर एक पर्यवेक्षण अधिकारी के तौर पर काम करते हैं। थानों में जो कमियां पाई हैं उन्हें दूर करने के लिए इन सभी की मीटिंग ली है। आने वाले समय में थानों के रखरखाव, रिकार्ड व अन्य चीजें व्यवस्थित हों, जिससे थानों में जनता के साथ जो न्यायोचित कार्रवाई हो उसमें कोई बाधा उत्पन्न ना हो।


साथ ही हमारा काम सुचारू रूप से चलता रहे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि थानों की संख्या ज्यादा है और अधिकारियों के पास काम बहुत है। वे बहुत व्यस्त रहते हैं। नियमित निरीक्षण हमारी ड्यूटी का हिस्सा है। हमारा काम सीधे न्यायालय की प्रक्रिया से जुड़ा है, इसलिए ज्यादा कमियां नहीं होती है। फिर भी जो कमी है उन्हें दूर करने के लिए कह दिया है।


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