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स्कूल ठीक से खुले नहीं हैं, लेकिन उनमें छह माही परीक्षाएं ली जा रही


शहर में अभी तक स्कूल ठीक से खुले नहीं हैं, लेकिन उनमें छह माही परीक्षाएं ली जा रही हैं। परीक्षाओं का आयोजन या तो गूगल मीट पर हो रहा है या फिर छात्र पेपर मोबाइल से डाउनलोड कर परीक्षा दे रहे हैं। एनी बेसेंट स्कूल के प्रिंसिपल और सहोदया ग्रुप के सदस्य मोहित यादव ने बताया कि छात्रों को परीक्षा के दौरान पेपर अपलोड कर कैमरा ऑन करके परीक्षा देकर पेपर को फिर से गूगल पर अपलोड करना होता है।


शहर में पांच प्रतिशत के करीब ऐसे छात्र हैं जो कि ऑनलाइन परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसका प्रमुख कारण यह कि परिवार के पास एक ही मोबाइल है। कुछ के पास है तो नेट पैक ही खत्म हो जाता है, कुछ को ऑनलाइन पेपर अपलोड करने में परेशानी आ रही है। ऐसे छात्रों के लिए स्कूलों द्वारा ऑफलाइन वर्कशीट सबमिट करने की अनुमति दे रहे हैं। अगर कोई छात्र स्कूल में आकर एग्जाम देना चाहता है तो पालकों की अनुमति के बाद उसे अनुमति दी जा सकती है। हालांकि अभी तक ऐसा कोई मामला आया नहीं है।


छात्रों की गतिविधि का ऑब्जर्वेशन बड़ी परेशानी
शिक्षकों का कहना है कि सबसे ज्यादा परेशानी पांचवीं तक के छात्रों के साथ आती है। वे परीक्षा के दौरान भी कई बार प्रश्न का उत्तर नहीं आने पर हमसे ही पूछने लग जाते हैं। फिर उन्हें परीक्षा के संबंध में याद दिलाना पड़ता है। नर्सरी से दूसरी कक्षा तक में अधिकतर स्कूलों में ओरल एग्जाम व अन्य तरीके से एग्जाम ली जा रही है। कुछ स्कूलों ने
ऑब्जेक्टिव प्रश्न वाली एग्जाम 3 से 10वीं तक के छात्रों के लिए शुरू की है।


मुख्य परीक्षा के लिए पालक अभी से चिंतित
पालकों को अभी से फाइनल एग्जाम की चिंता सताने लगी है। असल में कोरोना संक्रमण काल अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में स्कूलों को भी वापस खोले जाने को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में संभवत: फाइनल एग्जाम भी ऑनलाइन तरीके से ही लिए जाने को लेकर स्कूलों द्वारा निर्देश जारी किए जा सकते हैं।


बच्चों के साथ परिजन की भी मुसीबत
पालकों का कहना है कि बच्चों के साथ हमको भी बैठना पड़ रहा है। परीक्षा के दौरान हमें यह ध्यान रखना होता है कि बच्चा ठीक तरीके से परीक्षा दे। हालांकि ऑनलाइन परीक्षा में शिक्षक भी मॉनिटर करते हैं, लेकिन कई बार तकनीकी खराबी के कारण ऑनलाइन कनेक्शन छूट जाता है तो फिर वापस उसे कनेक्ट करने में समय चला जाता है। इधर, बच्चों की परीक्षा के समय वाले हिस्से में हम पूरी तरह से बंध जाते हैं। ऐसा लगता है कि हमारी परीक्षा चल रही है।


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