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इंदौर :शहरों में ट्रैफिक सुधार के लिए सरकार का बड़ा फैसला अब चौराहों पर प्रतिमा स्थापना के लिए किसी को भी अनुमति नहीं


विजयनगर चौराहा इंदौर



  • ट्रैफिक सुधार के लिए सरकार ने नजूल जमीन आवंटन के नए नियम बनाए

  • जमीन आवंटन वर्टिकल डेवलपमेंट से होगा



शहरों में ट्रैफिक सुधार के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। अब तिराहों और चौराहों पर प्रतिमा स्थापना के लिए किसी को भी अनुमति नहीं मिलेगी। सरकार ने इसके लिए नजूल जमीन आवंटन के नए नियम बनाए हैं। इसके लिए नजूल जमीन निर्वर्तन नियम का नोटिफिकेशन हो गया है और इसके आधार पर जिला स्तरीय कमेटी का गठन भी कर दिया गया है।


प्रतिमा स्थापना को लेकर स्पष्ट कहा गया है कि तिराहों, चौराहों के बीच इन्हें स्थापित करने से ट्रैफिक में समस्या आती है और भविष्य में यदि सड़क का विस्तार करना हो तो इसमें प्रतिमा होने से विवाद की आशंका बनती है। शासन ने यह भी तय कर दिया है कि अधिकतम केवल सौ वर्गफीट जमीन का ही आवंटन इसके लिए स्थानीय निकाय को किया जाएगा और वहां की सारी व्यवस्था स्थानीय निकाय द्वारा संभाली जाएगी। हालांकि इसके लिए स्थानीय निकाय से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। जमीन आवंटन भी अब वर्टिकल डेवलपमेंट के हिसाब से होगा।


मरीमाता चौराहे पर परशुराम की मूर्ति हटाने को लेकर विवाद भी हो चुका है


खजराना, बंगाली, एमआर-10 ब्रिज के पास सहित अन्य कई जगहों पर बीच मंे प्रतिमा स्थापित है। बंगाली चौराहे पर स्थापित मूर्ति के कारण फ्लायओवर का काम भी अटका है। कुछ साल पहले मरीमाता चौराहे पर परशुराम की मूर्ति को सड़क किनारे लगाने से विवाद हुआ था। बाद में मूर्ति को बगीचे की ग्रीन बेल्ट की जमीन देकर शिफ्ट किया गया था।


पुलिस जता चुकी रोटरियों पर आपत्ति


सर्वे में सामने आ चुका है कि जहां ट्रैफिक सिग्नल हैं, वहां पर बीच में रोटरी नहीं होना चाहिए, इससे सिग्नल स्पष्ट नहीं दिखते। यही समस्या विजयनगर चौराहे पर है। इसी तरह बॉम्बे अस्पताल चौराहे पर भी बीच में प्रतिमा व रोटरी होने से कई बार हादसे हो चुके हैं। कई रोटरी को छोटा भी किया गया है।


नजूल आवंटन के नए नियम : आईडीए को भी बाजार कीमत से 50 % पर जमीन मिलेगी


चेरिटेबल संस्था, स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरण, निजी निवेशकों व अन्य को नजूल जमीन आवंटन के लिए नए नियम बने हैं। जिसे भी जमीन चाहिए उन्हें लैंड बैंक (एमपीभूलेख की साइट पर) में जाकर जमीन को चिन्हित कर दस हजार रुपए के चालान के साथ आवेदन करना होगा।


निकाय यदि कहीं पर योजना बनाकर निर्माण करता है जैसे बस स्टैंड, कोई बजार, काम्पलेक्स आदि तो उन्हें भी बाजार कीमत का 50 फीसदी देना होगा। इसी तरह प्राधिकरण को भी नियमों के तहत अलग-अलग उपयोग के लिए तय कीमत देना होगी।


राष्ट्रीय दलों को भी तय प्रक्रिया से आवेदन करना होगा, उन्हें एक हजार वर्गमीटर जमीन 50 फीसदी कीमत पर और इससे अधिक पूरी कीमत पर ही मिलेगी। निगम को सार्वजनिक उपयोग बगीचे, शासन की योजनाओं, आवासीय योजनाओं के लिए जमीन निशुल्क मिलेगी।


आईडीए व अन्य प्राधिकरण को भी बाजार कीमत से 50 फीसदी पर जमीन मिलेगी। निवेशकों को जमीन चाहिए तो उन्हें भी आवेदन करना होगा, यदि एक से अधिक आवेदन आते हैं तो जो अधिक रोजगार देगा व निवेश करेगा, उन्हें जमीन आवंटित होगी, जमीन की गाइडलाइन से पूरी कीमत देय होगी। पुल-पुलिया बनाने, रोप वे बनाने के लिए जमीन दी जा सकेगी, नियमानुसार कीमत देय होगी।


आवंटन की सारी फाइल रोकी गई


नए नियम के आधार पर इंदौर प्रशासन ने नगर निगम, आईडीए व अन्य सभी संस्थाओं को जमीन आवंटन करने की प्रक्रिया रोक कर सारी फाइलें लौटा दी है। नए निमय के अनुसार आवेदन आने पर ही आगे प्रक्रिया होगी। इसमें जिला स्तरीय, संभाग स्तरीय और राज्य स्तरीय तीन कमेटियों का गठन हुआ है।


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