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आयुर्वेद से कैंसर पीड़ित मरीजों को दे रहे राहत


इंदौर। पिछले कुछ वर्षों में कैंसर के रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। अनेक इलाज की पद्धतियों के विकसित होने पर भी मरीजों को अधिक एवं पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में आयुर्वेद के द्वारा कैंसर के मरीजों को लाभ देने के लिए एक रोशनी की किरण नजर आई है। अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय में कैंसर के मरीज पहुंचकर अपना इलाज करवा रहे हैं। कैंसर जागरूकता माह के तहत लोगों को इसकी पहचान और समय पर जांच के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।


कॉलेज के शल्य तंत्र विभाग के डॉक्टर अखलेश भार्गव ने बताया म कॉलेज में कैंसर के मरीज आयुर्वेद से इलाज के लिए आते हैं। ऑपरेशन के बाद होने वाले घाव एवं कीमोथेरेपी और रेडियो थेरेपी के दौरान एवं बाद में वजन कम होना, बाल उड़ना, भूख नहीं लगना, मुंह में छाले, त्वचा के रंग में परिवर्तन, नींद नहीं आना, मुंह का स्वाद बदलना आदि में भी लाभ पा रहे हैं। कैंसर के रोगी को दवाइयों के अतिरिक्त योगा, प्राणायाम, सांत्वना चिकित्सा एवं पंचकर्म से भी काफी लाभ मिलता है। इलाज से पहले रोगी की प्रकृति एवं नाड़ी परीक्षा को ध्यान में रखकर दवाइयां दी जाए तो और अधिक फायदा मिलता है।







बढ़ा है मरीजों का विश्वास


अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज इंदौर के प्राचार्य डॉ. सतीशचंद शर्मा के अनुसार कैंसर के रोगी हमेशा से ही आयुर्वेद दवाओं को लेते आए हैं और लाभ भी होता है। अनुसंधान के बाद और अधिक वैज्ञानिक परिणाम आने से मरीजों को और अधिक लाभ मिलेगा और उनका विश्वास ही बढ़ेगा।


हो रहा है अनुसंधान


डॉ. भार्गव ने बताया 27 अक्टूबर को भारत सरकार के आयुष मंत्रालय एवं यूएस गवर्नमेंट के एनआईएच के उपक्रम ऑफिस ऑफ कैंसर कॉम्प्लीमेंट्री एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के बीच कैंसर की दवाइयों के अनुसंधान, समन्वय, निर्माण एवं वैज्ञानिक स्तर पर अध्ययन करने के लिए साझा कार्यक्रम तैयार किया गया है। आयुष विभाग के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने भी इसको एक बड़ा कदम बताया है। जो निश्चित रूप से भविष्य में कैंसर के रोगियों के लिए लाभदायक साबित होगा।


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