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दूध, मावा, लाल मिर्च, जीरा, घी से लेकर हरी सब्जियों में मिलावट, ऐसे करें पहचान


मिलावट का धंधा शहर सहित अंचल में चल रहा है। खाद्य औषधि प्रशासन विभाग के आंकड़ों की मानें तो करीब 20 फीसदी खाद्य सामान में रसायन और ऐसी चीजें मिलाई जा रही हैं जो कि कैंसर जैसी बीमारी को जन्म देते हैं। दूध, मावा, लाल मिर्च, जीरा, घी से लेकर हरी सब्जियों में मिलावट हो रही है। मिठास और उल्लास के त्योहारों पर मिलावटखोरों की नजर है। त्योहार में बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए मिलावटखोर घटिया सामान बाजार में खपा रहे हैं। बाजार में दुग्ध उत्पाद खोया और पनीर से लेकर खाद्य तेल और मसालों में मिलावट कर बेचा जा रहा है। ऐसे में खरीदारी करते समय सावधान रहने की जरूरत है। कई बार मिलावटखोरों द्वारा बाजार में गोल गप्पे का पानी, सॉस, बिस्कुट, पनीर और पैक्ड पानी भी मिलावटी बेचा जाता है। औसतन हर साल सभी तरह की खाद्य सामग्री के करीब 400 सैंपल लिए जाते हैं। इनमें कई सैंपल अमानक पाए जाते हैं। किसी खास मौके या त्योहार के समय पर ही सेंपलिंग हो रही है, बाकी समय विभागीय अमला ध्यान ही नहीं देता जिससे मिलावट का धंधा बढ़ने लगा है। शहर के सौरभ वैष्णव ने बताया कि एक किलो बैंगन लेकर आए थे, काटने से पहले उन्हें धोया तो हल्का बैंगनी रंग निकला। इसी तरह राजेश सोलंकी का कहना है कि मिष्ठान भंडार से मिठाई खरीदी। जब घर जाकर देखा तो उसमें बदबू आ रही थी। शिकायत करने पर दुकानदार ने मिठाई बदलकर दे दी। मिलावट या अमानक खाद्य सामग्री को लेकर क्षेत्र के एसडीएम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।







एसडीएम के निर्देश पर खाद्य निरीक्षक उस जगह से सैंपल लेंगे, इसके अलावा, फूड हेल्थ अथॉरिटी कम डायरेक्टर, पीएफए के पास भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत की जा सकती है। इसके लिए सामान का बिल होना जरूरी होता है। आरआर सोलंकी, फूड इंस्पेक्टर खाद्य औषधि प्रशासन विभाग रतलाम का कहना है मिलावटी सामान बेचने वालों पर कार्रवाई की जाकर समय-समय पर सैंपलिंग भी की जाती है। सब्जी को लेकर सैंपल नहीं लिए और न ही कोई शिकायत आई है।







किस सामग्री में कौन सी मिलावट, ऐसे करें इसकी पहचान


वेजीटेबल ऑयल और बेकिंग पाउडर से बन रहा पनीर


स्किम्ड मिल्क और खाने वाले सोडे के अलावा घटिया पोमीलीन ऑयल, वेजीटेबल ऑयल और बेकिंग पाउडर मिलाकर सिंथेटिक पनीर बनाया जा रहा है। थोक में यह 50 रुपये से लेकर 80 रुपये तक में मिलता है। होली की आड़ में इसे ही बाजार में असली पनीर के साथ ढाई सौ से तीन सौ रुपये किलोग्राम तक में बेचा जा रहा है।



कैसे पहचानें - पनीर को मुंह में रखें अगर यह च्विंगम की तरह चिपचिपा लगे और स्वाद कसैला हो तो समझ लें कि इसमें मिलावट है। इसके अलावा इसका रंग भी थोड़ा पीलापन लिए होगा।


मैदा-आलू-कद्दू में रंग वाला बिक रहा खोया


सबसे अधिक डिमांड खोए की है और बाजार में इसे पूरा करने की क्षमता नहीं है। बाजार में खोए की डिमांड पूरा करने के लिए राजधानी के आसपास इलाकों से मिलावटी खोए की बड़ी सप्लाई होती है। यह खोया मैदा, आलू और आरारोट को मिलाकर तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा मिठाइयां तैयार करने में मानकों से अधिक खतरनाक कलर मिलाए जा रहे हैं जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक हैं।



पहचान - खोए को लेकर हाथों के बीच रगड़े। अगर यह चिकनाई छोड़े तो समझो दुरुस्त है। अगर चिकनाई नहीं छोड़े तो फिर इसमें मिलावट हो सकती है। इसके अलावा बाजार से टिंचर लेकर इसकी कुछ बूंद डाले। अगर यह नीला पड़ जाता है तो फिर इसमें मिलावट है।


दूध में मिला रहे पानी और प्रतिबंधित पाउडर



होली पर दूध के कारोबारी भी मिलावट करने में पीछे नहीं हैं। दूध कारोबारी बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए दूध में गंदा पानी और दूषित बर्फ का इस्तेमाल कर रहे हैं। दूध को कई दिनों तक बचाए रखने के लिए उसमें प्रतिबंधित माल्टो डेक्सिट्रन पाउडर मिलाया जा रहा है। इस पाउडर को दूध में मिलाना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों और मंडियों से आ रहे दूध में ऐसी मिलावट की जा रही है।



पहचान - दूध की कुछ बूंदे जमीन पर डालें। अगर यह जमा रहे तो दुरुस्त है।


आरारोट, रंग और कद्दू से तैयार हो रहा सॉस और कैचअप


पड़ताल में सामने आया कि होली पर बाजार में सॉस और कैचअप के नाम पर लोगों को केवल रंग और शुगर का घोल खिलाया जा रहा है। सिंथेटिक कलर के अलावा बेसन, आरारोट व मैदा का प्रयोग कर सॉस तैयार किया जा रहा है।



पहचान -प्रतिष्ठित ब्रांड और विश्वसनीय दुकानों से ही खरीदें। अगर सॉस हाथ से टच करने पर रंग सा लगे तो समझ लीजिए इसमें मिलावट है।


नमकीन में खतरनाक रंग


बाजार में तरह-तरह के चिप्स, पापड़ और दालमोठ हैं, जिनमें मानकों से कई गुना अधिक कलर मिलाकर बेचा रहा है। यह रंग उस स्तर पर है जो आपकी सेहत बिगाड़ सकता है।



पहचान- अत्यधिक कलर वाले चिप्स और कचरी कतई नहीं खरीदें। इनमें सिंथेटिक रंग होता है जो तेल में गर्म करने पर पेट के लिए खतरनाक होता है।


मसाले और मिर्च में भी मिलावट


खुले बाजार में मसाले और हल्दी-मिर्च आपका लिवर खराब कर सकते हैं। तमाम कारोबारी पिसी मिर्च में खतरनाक केमिकल सूडान-1 मिलाकर उसे लाल करते हैं। इस तरह के केमिकल अन्य मसालों और हल्दी को रंग देने के लिए भी मिलाए जाते हैं।



पहचान - खुले बाजार में मसाले या लाल मिर्च लेते समय जरूर ध्यान रखें। मिलावटखोर इसमें रंग मिलाकर चमकाने का प्रयास करते हैं।


मिठाइयों पर नकली वर्क का होता है इस्तेमाल


तमाम दुकानों में मिठाइयों पर चांदी वर्क के नाम पर अल्मुनियम वर्क का इस्तेमाल करते हैं। हाथ में लेकर उसकी गोली बनाएं अगर बन जाती है जो समझ लीजिए वर्क में गड़बड़ी है।


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