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देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में छह साल से अटकी 190 शिक्षकों की भर्ती


इंदौर सेवानिवृत्त होने से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में लगातार शिक्षकों की कमी बनी है। प्रोफेसर-रीडर और लेक्चरार के स्थानों पर विभागों में कॉन्ट्रैक्चुअल और विजिटिंग फैकेल्टी ने व्यवस्था संभाल रखी है। इनके भरोसे विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा हैं। लगभग छह साल से विवि में 190 शिक्षकों की भर्तियां अटकी है। तीन कुलपतियों ने नियुक्तियों को लेकर प्रयास किए, मगर हर बार किसी न किसी विवाद से चलते प्रक्रिया उलझ गई है। एक बार फिर यह मुद्दा विवि में उठाया है। स्थायी कुलपति बनने के बाद देवता की तरफ से नियुक्तियां प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक भर्ती से पहले राजभवन से अनुमति लेना होगी।


विश्वविद्यालय के 30 से ज्यादा विभागों में शिक्षकों की कमी है। सेल्फ फाइनेंस और नियमित शिक्षक लगातार रिटायर्ड हो रहे हैं। हर साल करीब 20 पद खाली हो रहे है। इन दिनों विवि को 35 विषयों में 270 से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्तियां करना है, लेकिन विवि प्रशासन ने 190 और 80 पदों पर दो चरणों में भर्तियां करने का फैसला लिया था। 2014 में पहली मर्तबा तत्कालीन कुलपति डॉ. डीपी सिंह ने विज्ञापन निकाला था। उनके नैक डायरेक्टर बनने से प्रक्रिया रुक गई।







फिर 2015 में तत्कालीन प्रभारी कुलपति डॉ. अशुतोष मिश्रा ने भर्तियां करना चाही, लेकिन विवि में प्रोफेसरों के एक गुट ने प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए। बाद में 2016 में नियुक्त हुए डॉ. नरेंद्र धाकड़ ने नियमित की बजाए कॉन्ट्रैक्चुअल पदों के लिए आवेदन बुलवाए। इसे लेकर फिर विवाद हुआ। पूरी प्रक्रिया को नियम विपरित बताया। उच्च शिक्षा विभाग और राजभवन से शिकायत भी हुई। कुछ विषयों में आवेदकों के इंटरव्यू हुए, लेकिन प्रक्रिया बीच में बंद करना पड़ी।


चुनाव बाद लिखेंगे पत्र


29 सितंबर को प्रो. रेणु जैन स्थायी कुलपति नियुक्त किया। जहां उनकी प्राथमिकता विवि में शिक्षकों की कमी दूर करना है। बीते दिनों देवता के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण शिंदे ने भी जल्द भर्ती करने का कहा। यहां तक कुछ फैकेल्टी का भी कॉन्ट्रैक्ट भी आगे बढ़ाने पर जोर दिया। कुलपति डॉ. रेणु जैन का कहना है कि चुनाव के बाद राजभवन को पत्र लिखेंगे। प्रक्रिया शुरू करने के लिए अनुमति मांगेंगे।



ये विभागों में बनी है कमी


विवि के अधिकांश विभागों में शिक्षक कम है, लेकिन आइईटी, आइआइपीएस, आइएमएस जैसे विभागों में 80-110 के बीच विजिटिंग फैकेल्टी है। यहां तक कई विभागों में नियमित शिक्षकों के पद खाली है। एनर्जी, लेजर, फिजिक्स, कैमेस्ट्री, इकॉनोमिक्स, इलेक्ट्रोनिक प्रमुख विभाग शामिल है।


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