इंदौर, Dussehra 2020। शहरभर में दशहरे पर 25 अक्टूबर रावण दहन किया जाएगा। हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के चलते छोटे कद के ही सही पर जगह-जगह दहन के लिए रावण के पुतले बनाए जा रहे हैं। इससे अलग परदेशीपुरा स्थित रावण मंदिर में रावण की महापूजा की तैयारियां चल रही है। हर साल की तरह इस बार भी विजया दशमी पर 25 अक्टूबर को रावण का पूजन होगा। इस अवसर पर यज्ञ-हवन के साथ लंकापति महाभोग लगाया जाएगा। मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की कतार भी लगेगी।
मंदिर का निर्माण करने वाले महेश गौहर का कहना है कि दशहरा पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व माना जाता है लेकिन रावण बुरा व्यक्ति नहीं था। वह महान विद्वान और प्रकांड विद्वान था। देश की संस्कृति भी रावण के देवतुल्य रूप को सामने नहीं लाती। मंदिर में रावण के 10 सिर के ऊपर नागदेव फन फैलाए हुए हैं। रोजाना यहां आरती होती है। पूरे विधान से रावण का पूजन किया जाता है। यहां आने वाले रावण भक्तों का कहना है कि रावण को बुराई का प्रतीक मानना गलत है। श्रीराम ने अपने विजय का हवन करवाने के लिए रावण को ही बुलाया था।
शहर में यहां चल रही रावण दहन की तैयारी
शहर के दशहरा मैदान, चिमनबा, तिलकनगर के अलावा विभिन्न स्थानों पर रावण दहन की तैयारियां की जा रही है। हालांकि इस बार रावण की उंचाई 101 और 151 फीट की बजाए 11 और 21 फीट रखी जा रही है। दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल यादव और संयोजक अरविंद यादव बताते है कि इसबार जितना बड़ा रावण का मस्तक होगा उतना ही रावण का धड़ भी होगा। रावण के शरीर को अलग-अलग हिस्सों में तैयार किया गया है। इसे दशहरे के एक दिन पहले जोड़ा जाएगा।
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