Header Ads Widget

Responsive Advertisement

बड़वानी में खोदाई के दौरान मिले होलकर कालीन 2484 चांदी के सिक्के 27 किलो से ज्यादा


बड़वानी जिला मुख्यालय पर नीमा समाज के इंद्र परिसर भवन के समीप हुई खोदाई में चांदी के पुराने सिक्के भरा एक तांबे का घड़ा निकला। इसे खोदाई कार्य करवा रहे ठेकेदार ने अपने पास रख लिया। मुखबिर से इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने ठेकेदार 42 वर्षीय कैलाश पुत्र रणछोड़ धनगर को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध कबूला। पुलिस ने आरोपित से होलकर कालीन 2484 चांदी के सिक्के जब्त किए हैं। इनका वजन 27 किलो 300 ग्राम है और पुलिस ने इनकी अनुमानित कीमत करीब 14 लाख रुपए बताई है।


रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एसडीओपी रूपरेखा यादव ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने पर शहर थाना प्रभारी राजेश यादव ने एसपी निमिष अग्रवाल को सूचना से अवगत कराया। इस पर एसपी अग्रवाल ने टीम गठित कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। टीआई राजेश यादव ने बताया कि आरोपित को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई तो पहले वह पुलिस को गुमराह करता रहा लेकिन जब मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव देकर पूछा तो उसने अपना अपराध कबूल किया। आरोपित के घर से बरामद तांबे के घड़े पर 'श्री ओंकार महाराज की बजुका सं 1880' अंकित है।







घड़े से फारसी भाषा लिखे चांदी के 2484 सिक्के जब्त किए गए। आरोपित कैलाश द्वारा इस बात की जानकारी प्रशासन को न देते हुए चांदी के सिक्के स्वयं के घर में छुपाकर रखना पाया जाने पर उसके खिलाफ 'भारतीय निखात निधि अधिनियम 1878' की धारा चार व 20 के तहत कार्रवाई की गई।


होलकर कालीन हैं सिक्के


रीवा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व इतिहासकार डॉ. एसएन यादव ने बताया कि उक्त सिक्कों पर हिजरी सन 1213 व 1217 अंकित है। यह सिक्के बादशाह शाह आलम गाजी के नाम से बने हैं। इन सिक्कों में कुछ सिक्कों पर भगवान शिव, बिल्व पत्र व सूर्य की आकृतियां भी अंकित हैं। ये सिक्के अहिल्या मां साहब व तुकोरावजी होलकर द्वितीय के कार्यकाल के होकर लगभग 250 वर्ष पुराने हैं।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ