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सन 1961 के बाद यानी लगभग 59 सालों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब मकर राशि में गुरु और शनि की युति बनी कोरोना खत्म होने लगेगा

कन्या, मकर, कुंभ, मीन, इन चार राशियों के लिए मंगल की स्थिति ठीक नहीं रहेगी। पूरे साल लोगों को संघर्ष करना पड़ेगा, वे जैसी सफलता चाहते हैं, वैसी नहीं मिलेगी।


 सन 1961 के बाद यानी लगभग 59 सालों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब मकर राशि में गुरु और शनि की युति बनी है। दोनों ग्रहों का प्रभाव कुछ राशि वालों के लिए अत्यंत शुभदायी साबित होगा, साथ ही कुछ के लिए संघर्ष भरा होगा। ज्योतिषाचार्य विनीत शर्मा के अनुसार अभी तक मकर राशि में मंगल, गुरु और शनि की युति बनी हुई थी, लेकिन अब ग्रहों के सेनापति मंगल ने 4 मई को मकर राशि से कुंभ में प्रवेश कर लिया है। मंगल के निकलने के बाद अब मकर राशि में गुरु और शनि ही रह गए हैं। अगले सप्ताह 11 मई को शनि और 14 मई को गुरु ग्रह वक्री हो जाएगा। इसके बाद ये दोनों ग्रह मकर राशि में एक साथ वक्री रहेंगे।


कोरोना महामारी का प्रकोप खत्म होने लगेगा


ज्योतिषाचार्य डॉ दत्तात्रेय होसकेरे के अनुसार वक्री गुरु 29 जून की रात धनु राशि में प्रवेश करेगा। दोनों ग्रहों की वक्री स्थिति संपूर्ण देश-दुनिया के लिए फायदेमंद साबित होगी। वर्तमान में विश्वभर में कोरोना महामारी का प्रकोप छाया हुआ है। जब वक्री गुरु, धनु राशि में प्रवेश करेगा तो पूरे विश्व से महामारी का असर खत्म होना शुरू हो जाएगा।


चूंकि धनु, गुरु के स्वामित्व की राशि है और मकर, शनि के स्वामित्व की राशि है, दोनों ही ग्रह अपनी-अपनी राशि में वक्री रहेंगे। इनके प्रभाव से जो लोग वर्तमान में पैसों की कमी से परेशान हैं, उन्हें आर्थिक लाभ होने लगेगा। इस दौरान मानसून आहट देने लगेगा और प्राकृतिक वातावरण मन को शुकुन पहुंचाएगा। आपदाओं से मुक्ति मिलेगी।


इन राशि के जातकों को लाभ


ग्रहों के प्रभाव से मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु राशि के जातकों के लिए कुंभ राशि का मंगल शुभदायी साबित होगा। मंगल के प्रभाव से कार्यों में सफलता मिलेगी। रुके हुए कार्य पूरे होंगे। रिश्तों में मधुरता आएगी और परिवार में खुशहाली छाएगी।


इन राशि के जातकों को करना होगा संघर्ष


कन्या, मकर, कुंभ, मीन, इन चार राशियों के लिए मंगल की स्थिति ठीक नहीं रहेगी। पूरे साल लोगों को संघर्ष करना पड़ेगा, वे जैसी सफलता चाहते हैं, वैसी नहीं मिलेगी। विरोधी परेशान करेंगे, इसलिए किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचना चाहिए। अपने गुस्से पर काबू रखना होगा, क्रोध से अनेक बनते काम बिगड़ सकते हैं।


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