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पूरे देश में भले ही स्कूल-कॉलेज बंद हों लेकिन मध्य प्रदेश की जेलों में तो ज़ोर-शोर से पढ़ाई चल रही है


 पूरे देश में भले ही स्कूल-कॉलेज बंद हों लेकिन मध्य प्रदेश की जेलों में तो ज़ोर-शोर से पढ़ाई चल रही है.रोज क्लास लग रही है. इनमें प्ले स्कूल से लेकर कॉलेज तक के छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं. ये स्टूडेंट्स जेल में बंद कैदी और महिला कैदियों के साथ जेल में रह रहे उनके नन्हे-मुन्ने हैं.
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश भर के स्कूल कॉलेज और दूसरे शिक्षण संस्थान बंद हैं.लेकिन मध्य प्रदेश की जेलों में पाठशालाओं के गेट अब भी खुले हुए हैं. यहां रोज प्ले स्कूल से लेकर कॉलेज की क्लासेस लग रही हैं. यहां एक क्लास भी मिस नहीं की जा रही. बाकी देश में ऑन लाइन क्लासेस चल रही हैं लेकिन जेल में तो आम दिनों की तरह कक्षाएं लग रही हैं.
एमपी की जेलों में महिला कैदियों के बच्चों की पढ़ाई हो या फिर पुरुष और महिला कैदी की पढ़ाई, इस पर कोरोना का जरा सा भी असर नहीं पड़ा है. जेल में महिला कैदियों के बच्चे बकायदा अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. वही महिला और पुरुष कैदियों की 8वीं 10वीं 12वीं और ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी जारी है.



जेल में प्ले स्कूल
5 साल से कम उम्र के बच्चों को उनकी मां के पास जेल में ही रखा जाता है. बाकी जेलों की तरह भोपाल सेंट्रल जेल में महिला कैदियों के बच्चों के प्ले स्कूल की व्यवस्था जेल के अंदर ही की गयी है. इस क्लास में बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर और प्ले स्कूल की तर्ज पर खिलौने भी रखे गए हैं. भोपाल की इस जेल में इस वक्त महिला कैदियों के 13 बच्चे हैं.
8 वीं से लेकर ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई
जेल में बंद पुरुष और महिला कैदियों को भी साक्षर किया जा रहा है. आठवीं से लेकर ग्रेजुएशन तक की क्लासेस यहां लगती हैं.करीब 500 कैदी ऐसे हैं जो आठवीं,10वीं, 12वीं क्लास और ग्रेजुएशन के अलग-अलग सब्जेक्ट की पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें पुरुष कैदियों के साथ महिला कैदी भी शामिल हैं. बकायदा ब्लैक बोर्ड पर इन्हें इनके सब्जेक्ट की पढ़ाई कराई जाती है.
ऑफ लाइन क्लासेस
देश भर में स्कूल कॉलेज और दूसरे शैक्षणिक संस्थान बंद होने की वजह से स्टूडेंट को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. उन्हें ऑनलाइन मटेरियल उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन एमपी की जेलों में कोरोना का असर नहीं है. यहां ऑफ लाइन क्लासेस जारी हैं. जेल प्रबंधन ने सभी कैदियों को पढ़ाई का मटेरियल उपलब्ध कराया है. पढ़ाई की सारी सामग्री इन लोगों के लिए उपलब्ध है.
पढ़ाई में सोशल डिस्टेंस
जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि जेल में पढ़ाई के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है. पढ़ाई करने वाले कैदी से लेकर टीचर तक सब कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त फासला रखकर बैठते हैं और मास्क पहनते हैं. महिला कैदियों के बच्चे भी पढ़ाई के दौरान मास्क पहनकर आते हैं. कैदियों को पढ़ाने बाहर से भी टीचर आते थे लेकिन लॉक डाउन की वजह से अब उनका आना बंद है. इसलिए जो कैदी पढ़े लिखे हैं वो ही अब यहां पढ़ा रहे हैं.इसके अलावा जेल स्टाफ भी पढ़ाई में मदद करता है.


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