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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक अच्छी खबर आई है संक्रमित लोगों में से 27 फीसदी से ज्यादा लोग ठीक हो रहे हैं


 कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक अच्छी खबर आई है. देश में कोरोना से ठीक होने की दर और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है. कोरोना संक्रमण फैलने की दर में भी कमी आई है. लॉकडाउन के नियमों का और कड़ाई से पालन करने से कोरोना को हराने में कामयाबी मिल सकती है.


स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में अब तक 11 हजार 776 मरीज ठीक हो चुके हैं. पिछले 24 घंटे में 1074 मरीज ठीक हुए हैं. ये अच्छी खबर है कि एक दिन में ठीक होने वालों का ये अधिकतम आंकड़ा है. देश में रिकवरी रेट बढ़कर 27.52 फीसदी हो चुका है.


कोरोना के खिलाफ जंग में ये बड़ी बात है कि देश ने एक दिन में सबसे ज्यादा लोगों को बचाया है. कुल संक्रमित लोगों में से 27 फीसदी से ज्यादा लोग ठीक हो रहे हैं. दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संस्था WHO तक कह चुकी है कि टेस्ट, टेस्ट और टेस्ट से ही कोरोना के संक्रमण का सही पता चल सकता है, इस पैमाने पर भी भारत बेहतर कर रहा है.


एक दिन में 75 हजार टेस्ट हो रहे हैं- डॉ हर्षवर्धन


स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि जनवरी महीने में एक लैब से यात्रा शुरू हुई थी और आज देश में 421 लैब काम कर रहे हैं. 310 के करीब सरकारी लैब काम कर रहे हैं और 10 लाख से ज्यादा टेस्ट कर चुके हैं. एक दिन में 75 हजार टेस्ट हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि 31 मई तक का लक्ष्य 1 लाख रोजाना टेस्ट का है. मई की शुरुआत में ही 75 हजार टेस्ट हो रहे हैं.


यहां आपके लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि 3 मई तक दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में हुए कुल 10 लाख टेस्ट में कितने मरीजों का पता चला. यहां भी भारत की स्थिति काफी संतोषजनक है.


3 मई तक दस लाख टेस्ट करने वाले देशों में


* अमेरिका में 1 लाख 64 हजार 620 मामले सामने आए
* स्पेन में 2 लाख 194 मामले
* इटली में 1 लाख 52 हजार 271 मामले
* तुर्की में 1 लाख 17 हजार 589 मामले
* जर्मनी में 73 हजार 522 मामले सामने आए
* भारत में 39 हजार 980 मरीजों का पता चला


ये आंकड़े बता रहे हैं कि भारत में संक्रमण की दर अभी कम है और हालात अभी उतने बुरे नहीं. लॉकडाउन से कोरोना के खिलाफ जंग में मिली मदद को भी आंकड़े के जरिए समझिए.....


स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के मुताबिक दुनिया में जितने पैरामीटर हैं उस पर भारत का प्रदर्शऩ सबसे अच्छा है. लॉकडाउन शुरू होने से पहले डबलिंग रेट तीन दिन के आस-पास था. आज वो 12 दिन से ऊपर है. कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है.


अस्पताल में भर्ती लोगों के आंकड़े क्या कहते हैं?


* 1 फीसदी से कम लोग वेंटिलेटर पर हैं
* 1.5 फीसदी के करीब लोग ऑक्सीजन पर हैं
* 2.3 फीसदी के करीब लोग ICU में हैं


बता दें कि कोरोना को हराने में देश के पिछड़े इलाके भी अगड़े बने हुए हैं. इम्पावर्ड ग्रुप के चेयरमैन अमिताभ कांत ने बताया कि अभी तक देश के 112 जिलों में सिर्फ 610 केस हुए हैं. ये संक्रमण के राष्ट्रीय आंकड़े का सिर्फ 2 फीसदी है. इन 112 जिलों में देश की 22 फीसदी आबादी रहती है. इन जिलों ने कमाल का काम किया है.


इस अच्छी खबर और देश की कोशिशों का नतीजा है कि सरकार ने लॉकडाउन में रियायत दी है. ऐसे में जरूरी है कि रियायत को लापरवाही में बर्बाद ना करें, बल्कि सावधान रहें, सजग रहें, सतर्क रहें क्योंकि कोरोना में सावधानी ही बचाव का सबसे बड़ा हथियार है.


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