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भोपाल. कोरोना महामारी के दौर में स्कूलों में 7 जून तक अवकाश घोषित किया गया है


भोपाल. कोरोना महामारी के दौर में स्कूलों में 7 जून तक अवकाश घोषित किया गया है. उम्मीद की जा रही थी कि 7 जून के बाद प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी. लेकिन लॉकडाउन  के चलते स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम ही नजर आ रही है. ऐसे में जून की जगह फिलहाल जुलाई तक स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है. वहीं, स्कूल खुलने में हो रही देरी को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने प्लान बी तैयार किया है.
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते जून में भी स्कूल खुलने की संभावना बहुत कम है. ऐसे में अब स्कूल जुलाई महीने में ही खोलने की तैयारी की जा रही है. छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए अवकाश में कटौती करने की तैयारी है. दिवाली, दशहरा, होली और राखी पर मिलने वाले सभी छुट्टियों के साथ शीतकालीन अवकाश में भी कटौती की जाएगी. सिर्फ एक दिन की छुट्टी ही छात्र -छात्राओं को त्योहारों पर दी जाएगी. रविवार के दिन भी छात्र-छात्राओं की क्लासेस लगाकर कोर्स पूरा कराने की तैयारी की जा रही है. एक्स्ट्रा क्लासेस के जरिए भी स्कूल खोलने के बाद छात्र-छात्राओं का जल्द से जल्द सिलेबस पूरा कराया जाएगा. तीन से चार घंटे की एक्स्ट्रा क्लासेस लगाई जाएगी. दशहरा पर चार दिन दीवाली पर 6 दिन और शीतकालीन अवकाश में अब तक 7 दिन की छुट्टियां रहती थीं.
शिक्षकों के अवकाश में हुई थी 8 दिन की कटौती
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश 16 जून तक  दिया जाता था. इस बार सरकारी स्कूलों ने ग्रीष्मकालीन अवकाश में 8 दिन की कटौती की थी. यानी शिक्षकों को 7 जून तक छात्र -छात्राओं के साथ ही छुट्टियां दी गई हैं. स्कूल शिक्षा विभाग ने जून के महीने में ही स्कूल खोलने की तैयारी की थी. कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों के चलते जून के महीने में स्कूल खोलने की संभावना अब कम ही है. ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग अब शिक्षकों से घर पर ही नोट्स तैयार करा रही है. शिक्षक छात्र -छात्राओं के लिए नोट्स तैयार करने के बाद उनको उपलब्ध कराएंगे. अब तक व्हाट्सएप के जरिए ही छात्र-छात्राओं को नोट्स भेजे जा रहे थे.
सरकारी स्कूलों में 10 फीसदी सिलेबस पूरा


सरकारी स्कूलों में लॉकडाउन के पहले चरण की शुरुआत के साथ ही ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं. लेकिन ज्यादातर बच्चों के पास स्मार्टफोन न होने के चलते वे ऑनलाइन क्लासेस में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. सरकारी स्कूलों में अब तक महज 10 फ़ीसदी और निजी स्कूलों में सिर्फ 30 फ़ीसदी ही सिलेबस ऑनलाइन क्लासेस के जरिए पूरा हो सका है. ऑनलाइन क्लासेज के बाद भी स्कूल खुलने पर शिक्षकों पर जल्द से जल्द कोर्स पूरा कराने की जिमेदारी होंगी.
इन माध्यमों से कराई जा रही पढ़ाई
लॉकडाउन अवधि के दौरान स्कूल कॉलेज के साथ शैक्षणिक संस्थाएं बंद हैं. स्कूल शिक्षा विभाग ने रेडियो स्कूल कार्यक्रम की शुरुआत की है. वहीं, DIGI-LEP पर व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ाई करवाई जा रही है. पहली से लेकर आठवीं तक दूरदर्शन पर टीवी के जरिए छात्र छात्राओं की पढ़ाई भी करवाई जा रही है. 9वीं से बारहवीं तक के छात्र- छात्राओं को नोट्स तैयार कर घर-घर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी दी गई है.


 


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