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ऋण स्थगन के प्रस्ताव पर ज्यादातर निजी बैंकों ने इस विकल्प को चुनने का फैसला ग्राहकों पर ही छोड़ा है


 कोरोना वायरस महामारी के चलते पड़ने वाले आर्थिक असर को कम करने के लिए ऋण स्थगन के प्रस्ताव पर ज्यादातर निजी बैंकों ने इस विकल्प को चुनने का फैसला ग्राहकों पर ही छोड़ा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मार्च-मई 2020 के दौरान तीन महीने के लिए ऋण अदायगी की मासिक किस्तों (ईएमआई) को टालने की बात कही थी, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय बैंकों पर छोड़ा था.


निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक HDFC बैंक ने कहा कि वह ग्राहकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करेगा कि वे अतिरिक्त ब्याज शुल्क और ऋण अवधि में बढ़ोतरी से बचने के लिए अपने खाते में पर्याप्त धनराशि रखें. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कहा है कि अगर कोई ग्राहक बैंक को यह सूचना नहीं देता है कि वह Emi देने के लिए तैयार है, सभी तरह के ऋण के लिए उनकी ईएमआई तीन महीने तक स्थगित हो जाएगी.


विशेषज्ञों ने पहले ही साफ कर दिया है कि यह ब्याज माफी नहीं है, बल्कि भुगतानों को टाला जा रहा है, जिसका अर्थ है कि ग्राहकों को अतिरिक्त ब्याज लागत ऋण अदायगी करनी होगी. एचडीएफसी बैंक ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ''अगर आप ईएमआई को स्थगित करना नहीं चाहते हैं, तो आपको अपनी ओर से किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं है. हम आपके अदायगी निर्देशों को जारी रखेंगे.''


कोटक महिंद्रा बैंक ने ग्राहकों से कहा है कि अगर वह ऋण स्थगन करना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें ईमेल से सूचना देनी होगी. निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने वेतनभोगी वर्ग के ऋण स्थगन चुनने का विकल्प दिया है, जबकि कारोबारियों का ऋण स्थगन अपने आप हो जाएगा.


एक्सिस बैंक की वेबसाइट पर कहा गया है कि वह इस संबंध में एक योजना को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है, और इस बारे में ग्राहकों को जल्द जानकारी दी जाएगी.


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