Header Ads Widget

Responsive Advertisement

केंद्र सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के आर्थिक पैकेज का एलान किया जा सकता है


केंद्र सरकार इस महीने के अंत तक कोरोना वायरस के झटके से अर्थव्यवस्था को उभारने के लिए बड़े आर्थिक पैकेज का एलान कर सकती है. यह आर्थिक पैकेज 1 लाख करोड़ रुपये या इससे भी ज्यादा का हो सकता है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यह आर्थिक पैकेज उन विभिन्न इलाकों के लिए होगा जिन पर कोरोना वायरस की मार सबसे ज्यादा पड़ी है या पड़ सकती है.


कहां से आएगा पैसा


इस पैकेज के लिए केंद्र सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मदद लेगी. सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार Special Ways and Means Advances स्कीम के तहत RBI से पैसा ले सकती है. इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार सरकारी सिक्योरिटीज के बदले RBI से पैसा लेगी.


इस स्कीम के तहत सरकार को आरबीआई से मौजूदा रेपो रेट से एक फीसदी कम ब्याज दर पर पैसा मिल पाएगा. मौजूदा रेपो रेट 5.15 प्रतिशत है. यानी सरकार को आरबीआई से 4.15 प्रतिशत की ब्याज दर पर आरबीआई से पैसा मिल सकेगा. इसके अलावा सरकार नए वित्त वर्ष यानी 2020-21 के दौरान ज्यादा कर्ज बाजार से उठा सकती है.


किसे मिलेगा आर्थिक पैकेज


इस आर्थिक पैकेज के तहत गरीब लोगों और दिहाड़ी मजदूरों को उनके बैंक खातों में सीधे तौर पर पैसा दिया जा सकता है. इसके अलावा कोरोना वायरस की चपेट में आए विभिन्न सेक्टर्स जैसे एविएशन, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी, एमएसएमई आदि को दिया जाएगा.


गरीबों के खाते में पैसा


सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार कोरोना वायरस के कहर के चलते सबसे ज्यादा चपेट में आए गरीब, मजदूरों और निम्न आय वर्ग वाले लोगों के बैंक खातों में सीधे तौर पर पैसा ट्रांसफर की स्कीम लॉन्च कर सकती है.


इस स्कीम के तहत लगभग 10 करोड़ लोगों के बैंक खातों में सीधे तौर पर पैसा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी योजना के माध्यम से किया जा सकता है. हर बैंक खाते में कितना पैसा जमा होगा इस पर फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है.


एविएशन के लिए 11000 करोड़ रुपये के पैकेज की तैयारी


कोरोना वायरस के चलते जिन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है उनमें एविएशन सेक्टर टॉप पर हैं. ऐसे में एविएशन सेक्टर को बचाने के लिए सरकार जल्द ही आर्थिक पैकेज ला सकती है. नागरिक विमानन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि आर्थिक पैकेज पर विचार-विमर्श चल रहा है.


यह पैकेज लगभग 11000 करोड़ रुपए का हो सकता है. इस पैकेज के तहत एयरलाइंस कंपनियों को लगभग सभी चार्ज खत्म किए जा सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि विमानन कंपनियों पर लगने वाला पार्किंग चार्ज, लैंडिंग चार्ज और एयरपोर्ट चार्ज कुछ समय के लिए खत्म करने पर विचार किया जा रहा है.


इसके अलावा ATF पर लगने वाला शुल्क भी कुछ समय के लिए कम किया जा सकता है. वहीं, विमानन कंपनियों ने बैंकों से जो कर्ज लिया है, उसकी किश्त की भरपाई के लिए अतिरिक्त समय दिया जा सकता है.


टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी


टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर दुनिया भर में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला सेक्टर है. वही कोरोना वायरस की मार के चलते सबसे ज्यादा असर भी इसी सेक्टर पर पड़ा है. ऐसे में केंद्र सरकार इस सेक्टर के लिए विभिन्न टैक्सली आयतों का एलान अपने आर्थिक पैकेज में कर सकती है.


सूत्रों का कहना है कि टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर पड़ने वाली मार का सर दो तिमाही तक रहने का अनुमान है. ऐसे में टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को कर में 50 फीसदी तक या इससे भी ज्यादा रियायत दी जा सकती है.


एमएसएमई


छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए केंद्र सरकार आर्थिक पैकेज में कुछ विशेष प्रावधान कर सकती है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि एमएसएमई सेक्टर ने जो कर्ज लिए हैं उनमें 4 से 6 महीने तक की किश्तों को मौजूदा समय से आगे बढ़ाया जा सकता है. इस पर लगने वाला अतिरिक्त ब्याज केंद्र सरकार बैंकों को सीधे चुका सकती है.


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ