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'संविधान बचाओ देश बचाओ' अभियान के तहत रविवार को भगत सिंह दीवाने ब्रिगेड सीएए के विरोध में महासभा का आयोजन करेगी Swara Bhaskar भी होंगी शामिल


इंदौर। 'संविधान बचाओ देश बचाओ' अभियान के तहत रविवार को भगत सिंह दीवाने ब्रिगेड सीएए के विरोध में महासभा का आयोजन करेगी। इसमें जेएनयू की छात्रा रहीं अभिनेत्री स्वरा भास्कर, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर व कांग्रेस के प्रदेश समन्वयक समिति के अध्यक्ष दीपक बावरिया शामिल होंगे। सभी वक्ता इस मुद्दे पर अपने विचार रखेंगे। महासभा महालक्ष्मी नगर में दोपहर 1 बजे होगी होगी। बिग्रेड के प्रमुख आनंद मोहन माथुर ने बताया कि नया कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। इसलिए इसका विरोध व इस पर बहस जरूरी है। महासभा का आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। इसमें राष्ट्रध्वज के अलावा किसी भी पार्टी का झंडा नहीं लगाया जाएगा।


लागू करने से पहले राज्यों की अनुमति जरूरी


एडवोकेट आनंद मोहन माथुर ने नए कानून राज्यों में लागू करने को लेकर पूछे गए प्रश्न पर कहा कि यह राज्य पर निर्भर करता है कि उसे लागू करे या न करे। नागरिकता को लेकर जो एनपीआर कानून बनाया गया है, वह सही नहीं है। देश में कई जनजातियां, समुदाय हैं जिन्हें घुमंतु का दर्जा दिया गया है। ऐसे में वे अपना रिकॉर्ड कैसे दे पाएंगे। लगभग सौ प्रकार की जानकारी मांगी जा रही है। जिसके पास इनमें से कुछ दस्तावेज नहीं है, वह नागरिकता के लिए लंबी लड़ाई लड़ने को मजबूर होगा। जब 2021 में जनगणना होना है तो फिर इसकी जरूरत क्या है। संविधान में जो सात बातें मुख्य रूप से न बदलने के बारे में लिखा है, उनमें से एक यह भी है।


सीएए और एनआरसी के विरोध में होने वाले प्रदर्शन के लिए अनुमति निरस्त करने की मांग


महालक्ष्मी नगर और साईंकृपा कॉलोनी के सामने खाली मैदान पर आए दिन मेले और आयोजन होते रहते हैं। इससे क्षेत्र के रहवासी परेशान हैं। रविवार को यहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में प्रस्तावित रैली, सभा और प्रदर्शन के खिलाफ यहां के रहवासी संघों ने आपत्ति ली है। इस मामले में महालक्ष्मी नगर रहवासी संघ और साईंकृपा कॉलोनी रहवासी संघ ने कलेक्टर, एसपी, सीएसपी के अलावा लसूड़िया व खजराना थाना प्रभारियों को पत्र लिखकर मांग की है कि इस मैदान पर धरना प्रदर्शन, अन्य राजनीतिक गतिविधियों, व्यावसायिक मेलों और आयोजनों के लिए स्वीकृति न दी जाए। दी गई अनुमति को निरस्त किया जाए। यदि कोई भी घटना घटती है तो इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। इस आयोजन और प्रदर्शन से आसपास के रहवासी परेशान होंगे। यातायात में भी बाधा होगी और क्षेत्र का वातावरण अशांत होगा।


 


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