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केंद्र सरकार ने प्याज़ के निर्यात पर 5 महीनों से लगी पाबन्दी को हटाने का फ़ैसला किया है


नई दिल्ली: पिछले साल अक्टूबर में प्याज की बढ़ती क़ीमत और किल्लत के चलते इसके निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबन्ध।लगा दिया गया था. सरकार के इस फ़ैसले का महाराष्ट्र के किसानों ने विरोध किया था.


बम्पर उत्पादन के चलते फ़ैसला


केंद्र सरकार ने प्याज़ के निर्यात पर 5 महीनों से लगी पाबन्दी को हटाने का फ़ैसला किया है. गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बुधवार शाम को हुई एक मंत्रिसमूह की बैठक में ये फ़ैसला लिया गया. फ़ैसले की जानकारी देते हुए खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि देश में प्याज की बम्पर फसल और बाजार में प्याज की स्थिर कीमतों को देखते हुए सरकार ने इसके निर्यात पर लगी रोक को हटाने का फैसला किया है. पासवान के मुताबिक पिछले साल मार्च महीने में प्याज़ का घरेलू उत्पादन जहां 28.4 लाख टन हुआ था वहीं इस साल मार्च में प्याज की पैदावार लगभग 40 लाख टन होने का अनुमान है. मंत्रिसमूह की बैठक में अमित शाह के अलावा रामविलास पासवान , कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे.


अक्टूबर में लगी थी पाबन्दी


पिछले साल प्याज़ के उत्पादन में क़रीब 30 फ़ीसदी की कमी हुई थी जिसका सीधा असर प्याज़ की क़ीमत पर पड़ने लगा. हालात ऐसे हो गए कि दिसम्बर के दौरान इसकी क़ीमत देश के कुछ इलाकों में 200 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई. बढ़ती क़ीमत को देखते हुए सरकार ने पहले तो प्याज़ के निर्यात पर लगने वाले निर्यात शुल्क में इज़ाफ़ा किया लेकिन बाद में निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाने का फ़ैसला ले लिया. अब जबकि प्याज़ की ख़ुदरा क़ीमत औसतन 30 रुपए प्रति किलो तक आ गई है तो सरकार ने निर्यात पर प्रतिबन्ध हटा लिया है. क़ीमत में अभी और गिरावट की संभावना है.


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