भोपाल। केंद्रीय बजट को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निराशाजनक व हवाई सपने दिखाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि बजट के माध्यम से केंद्र सरकार ने प्रदेश के हितों के साथ कुठाराघात किया है। केंद्रीय करों से प्रदेश को मिलने वाली हिस्सेदारी में 11 हजार 556 करोड़ रुपए की कटौती पुनरीक्षित अनुमान में की गई है। पिछली 2677 करोड़ रुपए की कटौती मिलाकर प्रदेश की हिस्सेदारी में 14 हजार 233 करोड़ रुपए की कटौती की जा चुकी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया में यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट भाषण तो लंबा दिया, लेकिन बजट पूरी तरह से आंकड़ों का मायाजाल बनकर रह गया। इसमें गांव-गरीब, किसान, युवा, रोजगार व महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ भी नहीं है।
बेरोजगारी दूर करने के लिए तथा युवाओं को रोजगार देने का कोई जिक्र बजट में नहीं है। किसानों की आय दोगुनी करने का खोखला सपना हमेशा की तरह इस बार भी दिखाया गया है। कई पुरानी योजनाओं को आम बजट में सजाकर दोबारा शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने देश के विकास, प्रगति के रोडमैप और गिरती अर्थव्यवस्था व महंगाई को रोकने की कार्ययोजना का पूरी तरह से बजट में अभाव नजर आया है।
मध्य प्रदेश के साथ कुठाराघात : तरुण भनोत
मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोत बोले वित्तीय वर्ष 2018-19 में मप्र को केंद्रीय करों से 55 हजार करोड़ रुपए मिले थे। हमें उम्मीद थी कि केंद्र सरकार ने जो वादा बजट में किया था। कम से कम वह तो पूरा करेगी, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री ने जो बजट पेश किया, वह मप्र के हितों पर कुठाराघात करने वाला है। बजट में केंद्र सरकार ने पहले 63 हजार करोड़ रुपए देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन जुलाई 2019 में 2700 करोड़ की कटौती कर दी। आज के बजट में रही-सहीं उम्मीदें भी टूट गईं। पिछले साल के मुकाबले पांच हजार करोड़ रुपए कम उस सूरत में देना, जब पूर्व भाजपा सरकार खजाना खाली छोड़कर गई है। ऐसे में यह बजट मप्र की जनता के साथ धोखा है।
मंत्रियों ने कहा-महंगाई घटी नहीं, बल्कि बढ़ी
कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने केंद्रीय बजट से महंगाई कम होने के दावों पर कहा जब उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत कम नहीं हुई तो महंगाई कम कैसे हो गई।
मध्य प्रदेश की नकल की केंद्र ने : जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि महंगाई घटी नहीं, बल्कि बढ़ी है। केंद्र सरकार बजट के नाम पर देश की जनता को धोखा दे रही है। युवाओं और किसानों पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। केंद्रीय बजट को लेकर मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आम बजट में मध्यप्रदेश की योजनाओं की कॉपी कर रही है।
जनता को दिया धोखा : खेल व युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है। पेट्रोल व रसोई गैस के दाम बढ़े हैं। बजट के नाम पर मोदी सरकार देश की जनता को धोखा दे रही है।
महंगाई डायन खाय जात है : परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि बजट मोदी सरकार के दावे के विपरीत है। उन्होंने फिल्मी गाना भी सुनाया कि सखी सैंया तो बहुत कमात है, महंगाई डायन खाय जात है।
बजट निराशावादी-जुमलेबाजी : पीसीसी के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने बजट को निराशावादी और जुमलेबाजी वाला बताया। पांच नई स्मार्ट सिटी का एलान किया गया, लेकिन 2015 के बजट में 100 स्मार्ट सिटी की घोषणा की आज की स्थिति के बारे में नहीं बताया।
झूठ का पुलिंदा : पीसीसी अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने केंद्रीय बजट को झूठ का पुलिंदा बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते रहे कि देश को बिकने नहीं दूंगा, लेकिन आज एलआईसी, आईडीबीआई की हिस्सेदारी बेची जा रही है।
अर्थव्यवस्था बद से बदतर होगी : पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव ने आम बजट को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि अच्छे दिन के सब्जबाग दिखाने वालों ने बुरे दिन का राशन परोस दिया है। इस दिशाहीन बजट से देश की पहले से ही बदतर हो रही अर्थव्यवस्था बद से बदतर हो जाएगी।
गलत घरेलू नीतियों से गंभीर परिणाम : कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि आम बजट में आंशिक वैश्विक और आंशिक गलत घरेलू नीतियों के कारण आर्थिक परिदृश्य पर गंभीर परिणाम पड़ा है। नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और करों के आतंक से निवेश व निवेशकों को प्रभावित किया है।
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