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105 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने. इनका कमाल ऐसा है कि दुनिया दंग है पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती और ना ही कोई सीमा. बस सिर्फ कुछ कर गुजरने का जज्बा होना चाहिए


पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती और ना ही कोई सीमा. बस सिर्फ कुछ कर गुजरने का जज्बा होना चाहिए. इस बात को सच साबित किया है कोल्लम निवासी 105 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने. इनका कमाल ऐसा है कि दुनिया दंग है और युवा उन्हें बतौर मिसाल एक आदर्श के तौर पर ले रही हैं.


कैसे पास की परीक्षा अम्मा ने ?


105 वर्षीय भागीरथी अम्मा केरल राज्य की सबसे बुजुर्ग छात्रा बन गयी हैं. उन्होंने चौथी क्लास की परीक्षा में 74.5 फीसद नंबरों के साथ कामयाबी हासिल की. अपनी सफलता की खबर पाकर अम्मा कहती हैं, “मैं ये जानकर बहुत खुश हूं कि मैंने अपनी परीक्षा पास कर ली है. आगे अगर मेरी सेहत ने साथ दिया तो अगली परीक्षा देने की कोशिश करुंगी.”


अम्मा सेंटर पर जाकर साक्षरता परीक्षा देने में असमर्थ थीं. इसलिए उन्होंने पंचायत सदस्य की निगरानी में अपने घर पर 2019 के नवंबर महीने में परीक्षा दी. जब नतीजा आया तो उन्हें पास दिखाया गया. उनकी कामयाबी पर पंचायत अध्यक्ष चंद्रशेखर पिल्लई ने घर जाकर उन्हें सम्मानित किया. साक्षरता परीक्षा में कामयाबी के बाद भागीरथी को केरल स्टेट  लिटरेसी मिशन (KSLM) का ब्रांड एंबेडर बनाया गया है. KSLM का ब्रांड एंबेसडर बनने से दूसरी औरतों को अपनी अधूरी पढ़ाई को फिर से शुरू करने का हौसला मिलेगा.


KSLM से जुड़े प्रदीप कुमार ने अम्मा को नतीजे के बारे में बताया. प्रदीप कुमार कहते हैं, “अपने नतीजे को जानकर अम्मा बहुत उत्साहित हुईं. कुछ दिन पहले तक अम्मा आयु संबंधी समस्याओं के कारण बीमार थीं. उस वक्त भी अम्मा अपने नतीजे को लेकर चिंता में थीं. ”


कौन हैं भागरीथी अम्मा ? 

105 वर्षीय भागरीथी अम्मा की शादी कम उम्र में ही हो गयी थी. 30 साल की जब उनकी उम्र हुई तो उनके पति की मौत हो गयी. उस वक्त अम्मा गर्भवती थीं. पति की मौत के बाद उन्हें अपने परिवार की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी. मेहनत-मशक्कत कर उन्होंने चार बेटियों और दो बेटों की परवरिश की. अभी उनकी सबसे छोटी बेटी की उम्र 70 साल की है.


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