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साईं बाबा जन्मस्थान विवाद: शिर्डी ग्राम सभा ने वापस लिया बंद, सीएम ठाकरे ने आज बुलाई बैठक

ये सारा विवाद भी उद्धव ठाकरे के बयान के बाद ही भड़का है. उन्होंने कहा था, ''परभणी जिले के नजदीक पाथरी गांव में साईं बाबा के जन्म स्थान पर 100 करोड़ के विकास काम करवाएंगे. पाथरी गांव में इस प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा.









शिर्डी: साईं बाबा के जन्मस्थान विवाद को लेकर आज मुंबई में अहम बैठक होनी है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज शिर्डी और पाथरी के लोगों से मुलाकात करेंगे. मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले शिर्डी ग्राम सभा ने शहर बंद के फैसले को वापस ले लिया लेकिन ये भी साफ कर दिया कि अगर बातचीत का फैसला उनके हक में नहीं रहा तो आंदोलन जारी रहेगा.


उद्धव ठाकरे ने सत्ता संभालते ही पाथरी को साईं का जन्मस्थान माना और इलाके के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए देने का एलान किया. इस फैसले का शिर्डी में जबरदस्त विरोध हुआ...बंद का ऐलान किया गया तो शहर में रैली भी निकाली गई. मुख्यमंत्री के एलान के बाद शिर्डी में लोगों ने पूछा कि जब बाबा ने अपने जन्मस्थान और धर्म के बारे में कभी कुछ बताया नहीं तो अब सरकार ऐसा फैसला क्यों ले रही है.


साईं के जन्मस्थान पर एक फैसले ने विवादों का पिटारा खोल दिया है, अब सरकार डैमेज कंट्रोल में जुटी है. शिरडी से शिवसेना सांसद सदाशिव लोखंडे ने रविवार की शाम स्थानीय लोगों के साथ मुलाकात के बाद बंद वापस लेने का एलान किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को मुंबई में बैठक बुलाई है.


इस सब के बीच अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर लगी हैं कि वो क्या फैसला लेते हैं. शिर्डी ग्राम सभा ने फिर से बंद की धमकी दी है तो वहीं फैसला हक नहीं होने पर पाथरी के लोगों के नाराज होने का खतरा है.


साईं बाबा के जन्म को लेकर क्या कहा
- 1985 से 90 के बीच साईं संस्थान के विश्वास खेर ने साईं जन्मस्थान पर रिसर्च किया.
- 1972 के साईं सचरित्र के आठवें प्रकाशन के अध्याय 7 में पाथरी जन्मस्थान का जिक्र
- 1994 के साईं सचरित्र संस्करण में साईं बाबा का जन्म पाथरी में होने की जानकारी
- साईं के जन्मस्थान का जिक्र पाथरी न होकर पाथर्डी नाम से
- अंग्रेजी सचरित्र संस्करण में साईं का जन्म पाथरी के ब्राम्हण परिवार में होने की जानकारी
- संत दासगणू महाराज ने अपने दोहे में साईं की तुलना कृष्ण से की
- "जैसे कृष्ण का जन्म जिस तरह से मथुरा में हुआ परंतु गोकुल पहुंचे उसी तरह साईं बाबा का जन्म सेलू मानवत यानी पाथरी में हुआ है और शिर्डी पहुंचे"
- 1978 में साईं बाबा के भुसारी घराने के अंतिम वारिस रघुनाथ भुसारी ने पाथरी में मंदिर के लिए जगह दी
- जगह सिर्फ 5 हजार रूपये में ली गई थी जिसके परिसर में आज भी विकास काम जारी


 


 







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