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दुष्कर्म के मामले में मध्य प्रदेश लगातार तीसरे साल 2018 में भी सबसे ऊपर रहा


भोपाल । दुष्कर्म के मामले में मध्य प्रदेश लगातार तीसरे साल 2018 में भी सबसे ऊपर रहा। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से बुधवार को जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक, 2018 में देशभर में दर्ज दुष्कर्म के कुल 33,356 मामलों में से अकेले मध्यप्रदेश के 16 फीसदी मामले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में मप्र में दुष्कर्म के 5,433 मामले दर्ज हुए। इनमें से 54 मामलों में पीड़िता छह साल से कम उम्र की थी।


मालूम हो कि साल 2016 और 2017 में भी राज्य में दुष्कर्म के सर्वाधिक केस दर्ज किए गए थे। हालांकि 2018 में दर्ज मामलों में 2017 की तुलना में कमी आई है। 2017 में प्रदेश में दुष्कर्म के 5,562 केस दर्ज किए गए थे। लेकिन 2016 में दर्ज 4,882 के मुकाबले 2018 में यह बढ़ गया।


साल 2018 में दर्ज 2,841 केसों में पीड़िता 18 साल से कम उम्र की थी जबकि 142 पीड़िताओं की उम्र 6 से 12 वर्ष के बीच थी। दुष्कर्म के मामलों में 2018 में मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान (4,335), उत्तर प्रदेश (3,946), महाराष्ट्र (2,142) तथा छत्तीसगढ़ (2,091) का नंबर रहा। मध्य प्रदेश अभियोजन विभाग की ओर से उपलब्ध्ा कराए गए आंकड़ों के मुताबिक 2018 में नाबालिगों से दुष्कर्म के 18 मामले में कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई।


नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले पिता को आजीवन व भाई को 14 साल की सजा


ग्वालियर। विशेष सत्र न्यायालय ने नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही भाई को 14 साल की सजा सुनाई है। दोनों पर 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने कहा कि पिता की जिम्मेदारी अपनी बेटी को संरक्षण देने की थी, लेकिन उसने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। पिता व भाई ने एक पवित्र रिश्ते को कलंकित किया है।


इंदरगंज थाने में नाबालिग ने शिकायत की थी कि उसकी मां का निधन हो चुका है। जब मां का निधन हुआ तब वह बहुत छोटी थी। 5वीं कक्षा में फेल होने के बाद पिता ने पढ़ाने से रोक दिया। वर्ष 2013 में पिता ने कमरे में बंद कर मुंह कपड़ा ठूंस दिया और गलत काम कर धमकाया कि किसी को बताया तो जान से मार देगा। उसके बाद वह लगातार दुष्कर्म करता रहा।


एक दिन उसके छोटे भाई ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने भी जान से मारने की धमकी दी। जब दोनों ज्यादा ज्यादती करने लगे तो ताऊ व ताई को पूरी घटना बताई। भाभी को भी इस संबंध में बताया। घटना बताने के बाद घरवाले उसे लेकर इंदरगंज थाने पहुंचे।


पुलिस ने भाई व पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली। जांच के बाद दोनों आरोपितों के खिलाफ चालान पेश कर दिया। अभियोजन ने डॉक्टर, आरक्षक सहित नाबालिग के परिजनों के भी बयान कराए। ट्रायल पूरी होने के बाद आरोपित व अभियोजन का पक्ष सुना।


आरोपितों ने बचाव में तर्क दिया कि बेटी उसकी संपत्ति को बेचना चाहती है। इसके चलते बेटी ने षड्यंत्र रचा है। दुष्कर्म में झूठा फंसा दिया। कोई साक्ष्य भी नहीं है। पूर्व से कोई अपराध दर्ज नहीं है। इसलिए सजा देने में नरमी बरती जाए।


अभियोजन ने तर्क दिया कि आरोपितों ने पवित्र रिश्ते को कलंकित किया है। इसलिए आरोपितों को कड़ी सजा दी जाए। कोर्ट ने पिता आजीवन कारावास और भाई को 14 साल की सजा सुनाई है। जब भाई ने अपराध किया था, तब वह नाबालिग था। इसलिए कोर्ट ने उसे 14 साल की सजा सुनाई है।


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