Header Ads Widget

Responsive Advertisement

मध्य प्रदेश में जिला अस्पतालों की तरह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आयुष विंग बनाई जाएंगी। यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी व यूनानी पद्धति से मरीजों का इलाज किया जाएगा


मध्य प्रदेश में जिला अस्पतालों की तरह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आयुष विंग बनाई जाएंगी। यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी व यूनानी पद्धति से मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसके अलावा आयुर्वेद अस्पतालों में पंचकर्म की सुविधा को स्पा की तर्ज पर विकसित कर मेडिकल टूरिज्म को बढ़ाया जाएगा। यह निर्देश मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिए हैं। वह सोमवार को आयुष विभाग समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान विभाग की मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ भी मौजूद थीं। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रति आम जनता में रूझान बढ़ा है, लेकिन अस्पतालों में उतनी सुविधाएं नहीं होने की वजह से लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने एक महीने के भीतर कार्ययोजना बनाकर अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने को कहा है।


उन्होंने नीमच जिले में हर्बल मण्डी बनाए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति भी दे दी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस संबंध में आवश्यक सहमति पत्र भेजा जाए। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार की विभिन्न् योजनाओं के संबंध में भेजे गए प्रस्तावों का पाक्षिक फॉलोअप करने को भी कहा है। बैठक में आयुक्त आयुष डॉ. एमके अग्रवाल, उप संचालक आयुष डॉ. पीसी शर्मा एवं प्राचार्य पंडित खुशीलाल महाविद्यालय डॉ. उमेश शुक्ला उपस्थित थे।


निजी क्षेत्रों की मदद से पंचकर्म सुविधाएं बढ़ेंगी


बैठक में यह भी तय किया गया है कि पंचकर्म, योग जैसी कई विधाओं में लोगों की रुचि बढ़ी है। इससे मानसिक और शारीरिक तौर पर लोगों को फायदा भी हो रहा है। हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्रों की मदद से सरकारी अस्पतालों में इन सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए। बता दें कि राजधानी के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज में पहले से पंचकर्म सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का काम चल रहा है। इसे स्पा की तर्ज पर बनाया जाएगा। शुल्क भी ज्यादा रहेगी।


विदेशों में भ्रमण के लिए जाएगा दल


मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आयुष पद्धति में शोध एवं विकास बढ़ावा देने कि लिए विश्व के अग्रणी देशों जैंसे होम्योपैथी में जर्मनी और हर्बल मेडिसिन में चीन में अध्ययन के लिए आयुष विभाग का दल भेजने को कहा है। उन्होंने कहा कि यह दल इन चिकित्सा पद्धतियों में एमओयू की संभावनाओं का भी पता लगाए। उन्होंने प्रदेश में विकसित औषधियों के संबंध में पेटेंट लेने के लिए भी कहा। करने और शोध एवं विकास को अभिलिखित करने के निर्देश दिए।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ