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13 जनवरी को 11 साल बाद मकर संक्रांति से पहले माघी चतुर्थी का संयोग बन रहा है


2020 तिथि, नक्षत्र, योग तथा चंद्रमा के संचरण की दृष्टि से 13 जनवरी को 11 साल बाद मकर संक्रांति से पहले माघी चतुर्थी का संयोग बन रहा है। पंचाग के पांच अंगों की यह स्थिति भगवान गणपति की आराधना से आयु, आरोग्य व ऐश्वर्य देने वाली रहेगी। शहर के षड्विनायक मंदिरों में देव आराधना के लिए भक्तों का तांता लगेगा। बता दें आमतौर पर मकर संक्रांति के बाद माघी चतुर्थी का संयोग बनता है। तिथि की घट बढ़ व अधिक मास के कारण एक दशक में दो से तीन बार चतुर्थी मकर संक्रांति के पहले आ रही है।


ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार नक्षत्र मेखला की गणना तथा पंचाग के पांच अंगों में नक्षत्र, योग तथा चंद्रमा के संचार के आधार पर इस बार माघी चतुर्थी 13 जनवरी को सोमवार के दिन आश्लेषा नक्षत्र, प्रीति योग तथा कर्क राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है।


संयोग से यह स्थित सन 2008 में निर्मित हुई थी। यह भी एक प्रकार का संयोग ही है कि आश्लेषा नक्षत्र की आकृति चक्र के समान बताई गई है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना व व्रत करने वालों के संकटों का चक्र द्वारा उद्धार बताया गया है। इस नक्षत्र के स्वामी नाग देवता हैं,जो अज्ञात भय की निवृत्ति के लिए पूजनीय माने जाते हैं


अविघ्न विनायक को लगेगा 21 हजार लड्डू का भोग


खाकचौक स्थित अविघ्न विनायक मंदिर में माघी चतुर्थी पर भगवान अविघ्न विनायक को 21 हजार लड्डुओं का महाभोग लगाया जाएगा। पं.अश्विन शुक्ल ने बताया सुबह अभिषेक-पूजन के बाद भगवान गणेश का विशेष श्रंगार कर भोग लगाया जाएगा। शाम को छप्पन भोग लगाकर आरती की जाएगी। भक्तों को महाप्रसादी का वितरण होगा।


चिंतामन गणेश मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता


पौष मास की संकष्टी चतुर्थी पर रविवार को प्रसिद्ध चिंतामन गणेश मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। पं.शंकर पुजारी ने बताया सुबह 5 बजे मंदिर के पट खुले पश्चात भगवान का चोला श्रंगार कर आरती की गई। सुबह 8 बजे भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया गया। 13 जनवरी को माघी चतुर्थी पर भी विशेष आयोजन होगा


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