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जहरीली हवा ने कम कर दिए लोगों के जीवन के साढ़े तीन साल


प्रदेश की हवा तेजी से जहरीली होती जा रही है। इसका असर यह हुआ है कि प्रदेश में रहने वाले लोगों की उम्र औसतन करीब साढ़े तीन साल कम हो गई है। यह खुलासा हुआ है अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय की शोध संस्था एपिक(एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एट यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो) द्वारा तैयार किए गए वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (एक्यूएलआई) में।


एपिक ने प्रदेश के जिलों के अनुसार यह एक्यूएलआई तैयार किया है। इसके अनुसार प्रदेश में सबसे ज्यादा जहरीली हवा भिंड की है। इससे वहां के लोगों के जीवन के करीब साढ़े सात साल कम हुए हैं। वहीं सबसे कम जहरीली हवा प्रदेश में अलीराजपुर जिले की है।


 



गुस्र्वार को यह स्टडी रिपोर्ट दिल्ली में जारी की गई है। शिकागो विश्वविद्यालय में एपिक के डायरेक्टर माइकल ग्रीनस्टोन का कहना है कि यह पहला मौका जब उनके विश्वविद्यालय ने भारत के लिए एक्यूएलआई तैयार किया है। इससे देश समेत मध्य प्रदेश के लोगों को यह समझ आ सकेगा कि किस तरह वायु प्रदूषण सीधे तौर पर उनके जीवन को कम कर रहा है। साथ ही यह समझ सकेंगे कि यदि वायु प्रदूषण को कम किया जाए तो किस तरह उनकी आयु में बढ़ोतरी हो सकती है।


25 फीसदी कम हो प्रदूषण तो डेढ़ साल बढ़ेगी उम्र


प्रो ग्रीनस्टोन के मुताबिक यदि भारत अपने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करने में कामयाब होता है और वायु प्रदूषण में 25 फीसदी की कमी लाने में भी कामयाब हुआ तो यहां के लोगों की आयु औसतन 1.3 साल तक बढ़ जाएगी।


ऐसे हुई स्टडी


 



प्रो ग्रीनस्टोन के मुताबिक यह स्टडी चीन के यूनिक नैचुरल एक्सपेरिमेंट से प्रेरित होकर तैयार की गई है। इससे चीन को वायु प्रदूषण कम करने में बहुत मदद मिली थी। इसी को आधार बनाकर शिकागो विश्वविद्यालय के एपिक की टीम ने यह स्टडी की। इसके तहत भारत समेत उन देशों के सभी राज्यों का अध्ययन किया गया जहां के लोग प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।


फिर इनके नतीजों को स्थानीय स्तर पर वैश्विक सूक्ष्म प्रदूषक मापदंडों के साथ संयुक्त रूप से जोड़ दिया गया। इसके जरिए दुनिया के किसी भी क्षेत्र और जिले में स्थानीय वायु प्रदूषण की स्थिति को जान सकते हैं। साथ ही उससे जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।


64 साल है प्रदेश के लोगों की औसत आयु


नीति आयोग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के लोगों की औसत आयु करीब 64 साल है। ऐसे में करीब साढ़े तीन साल कम हो जाने के बाद साढ़े इकसठ साल ही अब आयु शेष रह जाएगी।


18 साल में कम हो गए दो साल


प्रो ग्रीनस्टोन के मुताबिक सेटेलाइट के पास वर्ष 1998 से 2016 तक का डाटा मौजूद है। इसके अनुसार 1998 में प्रदेश के लोगों की औसत आयु में करीब डेढ़ साल की कम आयी थी। जबकि अब करीब 18 साल में दो साल की और कमी आ गई है।


 


जिला कम हुई आयु


भिंड 7.65


 


मुरैना 6.74


ग्वालियर 6.14


 


दतिया 5.79


रीवा 4.74


छतरपुर 4.52


श्योपुर 4.43


सतना 4.28


शिवपुरी 4.25


टीकमगढ़ 4.23


सिंगरौली 3.99


पन्न्ा 3.99


सीधी 3.99


अशोकनगर 3.64


गुना 3.61


दमोह 3.53


कटनी 3.45


राजगढ़ 3.38


सागर 3.37


जबलपुर 3.37


विदिशा 3.34


बालाघाट 3.29


आगर मालवा 3.26


उमरिया 3.24


भोपाल 3.18


श्ााजापुर 3.16


मंदसौर 3.15


रायसेन 3.08


शहडोल 3.08


नरसिंहपुर 3.05


उज्जैन 3.03


सीहोर 3.02


मंडला 2.96


नीमच 2.91


अनूपपुर 2.91


देवास 2.90


सिवनी 2.90


इंदौर 2.90


रतलाम 2.90


होशंगाबाद 2.87


डिंडौरी 2.87


खरगौन 2.76


ईस्ट निमाड़ 2.75


बुरहानपुर 2.74


हरदा 2.73


छिंदवाड़ा 2.65


धार 2.63


बड़वानी 2.49


बैतूल 2.48


झाबुआ 2.36


अलीराजपुर 2.22


 


 




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